सिटीपोस्टलाईव:मधेपुरा सांसद पप्पू यादव को भी अब आरजेडी सुप्रीमो की ख़राब सेहत की चिंता सताने लगी है.उन्होंने उनकी सेहत पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है.उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि लालू यादव ने समाज के लिए बहुत कुछ किया है.लेकिन आज उनके साथ अन्याय हो रहा है .उनका स्वास्थ्य ख़राब है लेकिन उनका सही से ईलाज नहीं हो रहा है.उन्होंने राष्ट्रपति से लालू प्रसाद के इलाज के लिए उचित व्यवस्था कराने की अपील की है. पप्पू यादव ने कहा है कि AIIMS के विशेषज्ञ डॉक्टर से लालू प्रसाद का इलाज करवाना चाहिए. साथ ही पप्पू यादव ने लालू प्रसाद को AIIMS से अचानक RIMS शिफ्ट किये जानें पर भी सवाल खड़े करते हुए राजनीतिक साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने इस लेटर में लालू प्रसाद के कार्यकाल और उनके संघर्ष की विस्तार से चर्चा करते हुए लिखा है कि भारत के सभी प्रमुख प्रबन्धन संस्थानों के साथ-साथ दुनिया भर के बिजनेस स्कूलों में लालू यादव के कुशल प्रबन्धन से हुआ भारतीय रेलवे का कायाकल्प एक शोध का विषय बन गया. जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तब भारतीय रेल घाटे से निकल कर मुनाफे की ओर लौट आई. रेलवे की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के कारण कई मैनेजमेंट स्कूलों ने लालू प्रसाद के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें हार्वर्ड, व्हार्टन और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के सैकईं विद्यार्थियों को सम्बोधत करने के लिए आमंत्रित किया. रेलवे के इस उपलब्धि का अवलोकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद के विद्यार्थियों द्वारा भी किया गया.
पप्पू यादव ने आगे लिखा है -महोदय श्री लालू प्रसाद जी का देश एवं समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है, लेकिन जहाँ तक अदालत और कानून का सवाल है इस विषय पर मुझे कुछ भी नहीं कहना है. कानून अपना कार्य करे, लेकिन एक सजा प्राप्त आदमी की जिंदगी की रक्षा करना भी सरकार की जिम्मेदारी बनती है.अभी श्री लालू प्रसाद यादव जी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, मधुमेह, उच्चरक्तचाप, किडनी एवं हृदय रोग जैसे गंभीर बिमारी से पीड़ित है, जहाँ लगातार विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में होना चाहिये, विगत कुछ साल पहले ही इनकी बाईपास सर्जरी भी हुई है, लेकिन राजनीतिकरण के चलते इनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जोकि मानवता के भी खिलाफ है.।
पप्पू यादव का यह पत्र राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.राजनीतिक समीक्षक इसे बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत मानते हैं.उनका मानना है कि जिस तरह से यादव और मुसलमान लालू यादव के पक्ष में गोलबंद हुए हैं ऐसे में पप्पू यादव जैसे नेताओं के लिए जिनका में वोट बैंक यादव हैं,उनकी मुखालफत करके राजनीति करना मुश्किल है.इसका खामियाजा पप्पू यादव की पार्टी पिछले चुनाव में भी भुगत चुकी है.राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पप्पू यादव आरजेडी के साथ चुनावी तालमेल कर सकते हैं और एकबार फिर से बिहार की राजनीति में मजबूती के साथ खड़ा हो सकते हैं.अगर किसी कारण आरजेडी के साथ तालमेल नहीं होता है तो भी उन्हें लालू विरोध के कारण पिछले चुनाव की तरह यादवों के गुस्से का शिकार नहीं होना पड़ेगा .
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