2019 लोकसभा चुनाव होगा सबसे बड़ा और सबसे खर्चीला, अमेरिका का टूटेगा रिकॉर्ड
सिटी पोस्ट लाइव : इलेक्शन कमीशन ने रविवार देर शाम लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सात चरणों में होने वाले मतदान में करोड़ों लोग वोट डालेंगे. इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराना आम बात नहीं है. वहीं जब चुनाव सात चरणों में होना है तो समझ सकते हैं कि भारत के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा. हालांकि इन बातों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने तैयारी कर ली है. चुनाव आयोग की वेब साईट पर जो वोटरों के आंकड़े पेश किये गए हैं वो चौंकाने वाले हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में इस बार 90 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 8.15 करोड़ लोग वोट देने योग्य थे, लेकिन सिर्फ 55 करोड़ मतदाताओं ने ही वोट डाले थे. बताते चलें भारत में 1951 में हुए पहले आम चुनाव में करीब 17.3 करोड़ योग्य मतदाता थे. यदि 2014 के चुनाव से तुलना करें तो इस बार मतदाताओं की सूची में 8.5 करोड़ नए वोटर जुड़ गए हैं. जिनकी उम्र 18 से 19 साल है और ये लोग पहली बार वोट डालेंगे.
जो आंकड़े चुनाव आयोग की साईट पर दिए गए हैं उसके मुताबिक भारत की दो तिहाई आबादी की उम्र 35 वर्ष से कम है. महिला-पुरुष के अलावा भारत में ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 38,325 है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में तीसरे जेंडर के रूप में मान्यता दी थी. इस बार वोट डालने के लिए 11 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की आवश्यकता होगी. साथ ही 10 लाख मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
इतनी भारी संख्या में वोटरों को वोट दिलाने में 2014 के खर्च का रिकार्ड टूट जायेगा. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यह खर्च 35,547 करोड़ रुपए यानि कि करीब 500 करोड़ डॉलर पहुंच गया. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में करीब 50 हजार करोड़ रुपए तक खर्च आ सकता है. जो कि दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव साबित हो सकता है. बताते चलें कि विश्व में जो अबतक सबसे खर्चीला चुनाव हुआ है वो 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 650 करोड़ डॉलर यानि 46,211 करोड़ रुपए थे. लेकिन ये आंकड़ा भारत शायद इसबार तोड़ दे.
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