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रामगढ़ छावनी परिषद् के सीईओ कर रहे रंगदारी, थाने में की शिकायत

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रामगढ़ छावनी परिषद् के सीईओ कर रहे रंगदारी, थाने में की शिकायत

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ कैंट छावनी परिषद् के सीईओ सपन कुमार पर रंगदारी करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में छावनी परिषद् के सरकारी क्वार्टर में रह रहे अभय शंकर प्रसाद और राजेश नायक ने रामगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दोनों ही शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी के द्वारा जबरन उनसे सरकारी क्वार्टर खाली कराया जा रहा है। इसके लिए वे उन्हें धमकियां भी दे रहे हैं और लगातार दबाव बना रहे है। पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार अभय के पिता स्व दिनेश प्रसाद और राजेश के पिता स्व राजन नायक दोनों ही छावनी परिषद् में मुलाजिम थे। उन दोनों को क्वार्टर अलाॅट किया गया था जिसमें अभी तक दोनों का परिवार रह रहा है। दोनों की मौत के बाद अभय और राजेश ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी का दावा किया। छावनी परिषद् ने जब उनका दावा ठुकरा दिया तो फिर उन दोनों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों को नौकरी देने के लिए एक आदेश छावनी परिषद् को दिया। इस आदेश के तीन महीने बीतने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो कंटेम्पट आॅफ कोर्ट का केस फाईल कर दिया। ये सब मामला कोर्ट में चल रही रहा है कि छावनी परिषद् के सीईओ उन्हें लगातार दबाव बना कर क्वार्टर खाली कराने पर तुले हुए हैं। इधर इस प्रकारण में थाना प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। इस बारे में छावनी परिषद के सीईओ से भी जानकारी ली जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई संभव है। हाईकोर्ट के आदेश से संबंधित दस्तावेज भी मिला है उसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। इस मामले में छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार ने बताया कि अभय शंकर प्रसाद और राजेश नायक का परिवार अभी अवैध तरीके से छावनी परिषद के क्वार्टर में रह रहा है। उन्हें हटाने के लिए ही आदेश दिया गया था। अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए हाई कोर्ट ने नौकरी देने पर विचार करने का आदेश दिया है। अभी फिलहाल रामगढ छावनी परिषद में 4 पद रिक्त हैं और उसके 29 दावेदार भी है। छावनी परिषद के नियमानुसार 100 प्वाईंट रोस्टर पर जो दावेदार फिट बैठेगा उसी को नौकरी दी जानी है। इस बारे में कई बार दोनों दावेदारों को समझाया भी गया है पर वे सिर्फ कोर्ट और थाने का चक्कर लगा रहे है। कानूनन जो ठीक होगा वहीं मैं करूंगा।

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