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सीआरपीएफ डीएसपी की शहादत पर खामोश रहा मीडिया, बड़े नेताओं ने नहीं ली कोई सुधि

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सीआरपीएफ डीएसपी की शहादत पर खामोश रहा मीडिया, बड़े नेताओं ने नहीं ली कोई सुधि

सिटी पोस्ट लाइव ‘”विशेष” : जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में इसी शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें सीआरपीएफ के अफसर समेत 5 जवान और एक नागरिक शहीद हो गए थे, जबकि इस घटना में चार जवान भी जख्मी हो गए थे जिनका ईलाज अभी जारी है. इससे पहले सुरक्षाबलों ने हंदवाड़ा में दो आतंकियों को ढ़ेर कर दिया था. एक आतंकी जिंदा मलवे के नीचे दबा था. जब मलवा हटाने की कारवाई की जा रही थी,उसी समय उस आतंकी ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिससे हमारे इतने शूरवीरों की शहादत हुई. आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के बेगूसराय का एक बीएसएफ के अधिकारी भी शहीद हो गए.
जानकारी के मुताबिक बेगूसराय जिले के रहने वाले सीआरपीएफ के डीएसपी पिंटू कुमार सिंह जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए.

परिजनों का कहना है कि शुक्रवार के 2:00 बजे से ही पिंटू को फोन लगाया जा रहा था लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो पा रही थी.परिजनों की सारी कोशिशें नाकाम हो चुकी थीं लेकिन बिहार के ही एक जवान ने पिंटू कुमार सिंह के परिजनों को यह बता दिया कि आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान पिंटू कुमार सिंह शहीद हो गए हैं. हद की इंतहा देखिए कि कंट्रोल रूम इस शहादत की खबर को दबाए हुए था. कंट्रोल रूम ने बीते कल शनिवार जी सुबह में पिंटू के शहीद होने की बात कही. मिली जानकारी के अनुसार दिवंगत शहीद बेगूसराय जिले के बखरी थाना क्षेत्र के ध्यानचक टोला निवासी स्वर्गीय चक्रधर प्रसाद सिंह के सबसे छोटे पुत्र थे. बताया जाता है कि गुरुवार की देर रात से शुक्रवार की शाम तक दोनों तरफ से फायरिंग में जहां तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, वहीं इस मुठभेड़ में भारत के सीआरपीएफ के अधिकारी सहित 5 जवान भी शहीद हो गए. पिंटू कुमार सिंह ने 2009 में सीआरपीएफ में जॉइन किया था.वे पांच भाइयों में सबसे छोटे थे.

दिवंगत शहीद पिंटू सिंह की एक 5 साल की पुत्री है. पत्नी अंजू सिंह अभी गर्भवती हैं और इस हादसे की खबर सुनकर लगातार बेहोश ही हैं. इस सूचना के बाद परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है.पिंटू सिंह के शहीद होने से गांव में भी कोहराम मच गया है. काफी संख्या में लोग पिंटू सिंह के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं. शहीद पिंटू सिंह की शहादत पर पूरा देश मर्माहत है.शहीद पिंटू कुमार सिंह के घर लोगों का पहुंचना जारी है. इसी कड़ी में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्र मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शहीद पिंटू सिंह के गांव पहुंचे और शहीद पिंटू कुमार सिंह के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी.इसके पहले पूर्व मंत्री ने शहीद के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिंटू सिंह की शहादत का उन्हें बेहद अफसोस है लेकिन वे शहीद हुए हैं,यह देश के लिए गर्व की बात है. पूर्व मंत्री ने देश की सरकार को नसीहत दी कि सिर्फ शहीद कहने के लिए नहीं बल्कि दिवंगत शहीद पिन्टू सिंह को सही तरीके से शहीद का दर्जा मिलना चाहिए.

आज पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल संकल्प रैली हो रही है.इस रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी लगे हुए हैं. इस रैली के सामने शहीद पिंटू सिंह की शहादत फीकी पड़ गयी. अभीतक कोई केंद्र या राज्य का बड़ा नेता या फिर कोई बड़े अधिकारी दिवंगत शहीद के घर नहीं पहुंचे हैं. हद तो यह है कि मीडिया ने भी इस शहीद के साथ बेशर्म नाइंसाफी की है. इस शहीद को ना अखबार में सही जगह मिली और ना ही खबरिया चैनल ने इन्हें सुर्खियां बनाया.प्रधानमंत्री की रैली के नीचे इस शहीद की शहादत दब गई. वाकई मीडिया उन खबरों की तरफ भागता है जिसमें चटकदार मशाले हों. अब इस वीर सपूत पर केंद्र और राज्य सरकार किस तरह से अपना कर्तव्य निभाती है, इसपर हमारी नजर टिकी हुई है. लेकिन इतना हम जरूर कहेंगे कि चुनाव और वोट की राजनीति में शहीद की शहादत का घिनौना मजाक उड़ाया गया है. यह कृत्य किसी भी नजरिये से माफी के काबिल नहीं है.

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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