बिहार क्रिकेट संघ को अब बिहार सरकार नहीं देगी मोइनुलहक स्टेडियम का मैदान
सिटी पोस्ट लाइव : 18 साल बाद बीसीसीआइ के मुख्य टूर्नामेंट में बिहार की वापसी के साथ ही एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है.BCA द्वारा टीम में चयन के लिए खिलाडिय़ों से मोटी रकम मांगे जाने और इसमे चयनकर्ता और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की शिकायत के बाद बिहार सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है.बिहार सरकार ने बीसीसीआइ को अब अपना स्टेडियम भाड़े पर नहीं दिए जाने का बड़ा फैसला ले लिया है.
छात्र एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा जारी चिट्ठी के अनुसार आज कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री की अध्यक्षता में और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में एक बैठक हुई.इस बैठक में बीसीसीआइ के अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमिटी बनाने का फैसला लिया गया. बीसीसीआइ की छवि धूमिल होने पर चिंता जताते हुए सभी ने कहा कि ऐसे में बीसीसीआइ के साथ राज्य सरकार कोई सम्बन्ध नहीं रख सकती क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा.सरकार ने ऐसे में बिहार क्रिकेट अशोसियेशन को दैनिक भाड़े के आधार पर आरक्षित मोइनुलहक स्टेडियम का आरक्षण रद्द कर देने का फैसला ले लिया है.यानी अब बीसीसीआइ को खेल और प्रैक्टिस के लिए यह सरकारी मैदान अब उपलब्ध नहीं होगा.
आशंका है कि पैसे के खेल के चलते ही बिहार रणजी टीम के पूर्व कप्तान सुनील कुमार को जूनियर चयन समिति का अध्यक्ष पद गंवाना पड़ा था. बिहार जूनियर खिलाडिय़ों के चयन की जिम्मेदारी सुनील को सौंपी गई थी, लेकिन टीम घोषित होने से पहले ही उन्हें हटाकर सीनियर टीम के चयनकर्ता रहे मनोज यादव, नीरज कुमार और राकेश कुमार सिन्हा को जूनियर टीम चयन करने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी.
सत्र 2017-18 में भी अंडर-23 टीम के चयनकर्ता रहे निखिलेश रंजन और सुनील कुमार सिंह ने चयन प्रक्रिया में दखल देने के लिए इस्तीफा दे दिया था और सोशल साइट्स पर अपने द्वारा चयनित टीम की सूची जारी कर दी थी, जिसमें अंतिम चयनित टीम में कई बदलाव थे. उसके बाद से उन्होंने बीसीए के सभी कार्यों से दूरी बना ली.
इस खबर के आने के बाद बीसीए अध्यक्ष गोपाल बोहरा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सीनियर चयन कमेटी को भंग कर दिया है. प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बोहरा ने दोनों पर कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है.अब बिहार सरकार ने स्टेडियम से भी बिहार क्रिकेट संघ को बेदखल कर दिया है.बीसीए सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारियों और सीओए विनोद राय को पत्र लिखकर एक जांच कमेटी बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
बीसीए सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि आरोप लगाने वाले 45 लाख क्या 75 करोड़ रुपये लेने का भी लगा सकते हैं. मुझ पर यह आरोप साबित होते हैं तो मैं बीसीसीआइ से कोई भी सजा के लिए तैयार रहूंगा.बीसीए लीगल कमेटी के चेयरमैन जगन्नाथ सिंह ने सीओए विनोद राय और बीसीए अध्यक्ष गोपाल बोहरा को पत्र लिखकर तत्काल कमेटी ऑफ मैनेजमेंट भंग करने और सभी लोगों पर क्रिमिनल केस चलाने की भी मांग की है.
Comments are closed.