शराबबंदी-ट्रेन में सिक्का मांगिये -मिलेगा फुल बोतल ,अठन्नी मांगने पर मिलेगा हाफ

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शराबबंदी-ट्रेन में सिक्का मांगिये -मिलेगा फुल बोतल ,अठन्नी मांगने पर मिलेगा हाफ

सिटीपोस्टलाईव:शराबबंदी के बाद से अब शहर के होटलों का कारोबार आधा से भी कम हो गया है लेकिन शराब कारोबारियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है.अब शराब होटल-रेस्टोरेंट और बियर बार की जगह ट्रेनों में मिल रही है.ट्रेनों को ही शराब माफियाओं ने अब चलती फिरती बार बना लिया है.ज्यादातर ट्रेनों में अब शराब उपलब्ध है.पहले तस्कर ट्रेनों का इस्तेमाल शराब दिल्ली ,यूपी ,झारखण्ड और बंगाल से लाने के लिए इस्तेमाल करते थे.लेकिन ज्यादातर खेप पकडे जाने के बाद से उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी है. अब शराब तस्कर ट्रेनों में ट्रेन के कोच अटेंडेंट और टीटीई की मदद से यात्रियों को ही शराब उपलब्ध करा रहे हैं.

  • हाल में कई कई रेलकर्मियों की शराब के साथ गिरफ्तारी के बाद ट्रेन को बियर बार और मयखाना बना देने का राज खुलने लगा है .दरअसल रेलवे स्टेशनों से हर रोज लाखों लोग यात्रा करते हैं ,ऐसे में वहां शराब तस्करों की पहचाम आसान काम नहीं रहता. शराब तस्कर आपस में कोड वर्ड में बात करते हैं. फुल, हाफ और क्वार्टर के लिए सिक्का, अठन्नी और पच्चीस पैसा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. रेल एसपीअशोक कुमार सिंह भी मानते हैं कि ट्रेनों से शराब की सप्लाई हो रही है और ट्रेनों में शराब बेचीं खरीदी भी जा रही है.उनके अनुसार अब रेल पुलिस नई रणनीति पर काम कर रही है और  दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेनों में जांच को बढ़ाया गया है.

एक मई को दानापुर स्टेशन पर अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस में तलाशी के दौरान पांच बैग शराब बरामद हुआ था.शराब के साथ पकडे गए  रेलकर्मियों ने खुलासा किया था कि उत्तरप्रदेश से दस बैग शराब लाई जा रही थी, जिनमें से पांच बैग को आरा में उतार लिया गया.दिल्ली से पटना आने वाली राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों को शराब परोसे जाने का खुलासा हो ही चूका है.तीन दिन पहले पटना जंक्शन रेल पुलिस ने राजधानी एक्सप्रेस के कोच नंबर बी 9 के कोच अटेंडेंट रामबली कुमार को 15 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया. 10 अप्रैल को लोहानीपुर से 164 बोतल विदेशी शराब के साथ पकडे गए दीपक सिंह ने खुलासा किया था कि राजधानी एक्सप्रेस का कोच अटेंडेंट और लोहानीपुर का रहने वाला प्रवीण उसे नई दिल्ली से शराब लाकर देता है.वह यात्रियों को भी शराब परोसता है. हैरत की बात यह है कि महीना दिन बीत जाने के बाद भी प्रवीण को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

सूत्रों की मानें तो शराब के कारोबार में इतना ज्यादा मुनाफ़ा है खासतौर जब ट्रेन में ख़रीदा बेचा जा रहा हो, कि रेल कर्मचारी जेल से छूटते ही फिर से शराब की खरीद-बिक्री में जुट जाते हैं. जनवरी में पटना जंक्शन के कैंटीन के एक स्टाफ को 18 बोतल शराब और तीन केन बियर के साथ गिरफ्तार किया गया था. अप्रैल, 2017 में दानापुर जीआरपी ने सिकंदराबाद एक्सप्रेस के कोच अटेंडेंट निरंजन कुमार को 21 बोतल विदेशी शराब के साथ दानापुर स्टेशन पर ही गिरफ्तार किया था. अबतक पकडे गए रेलकर्मियों के जरिये इस रैकेट का खुलासा हो चूका है कि दूसरे राज्यों से शराब लाने का काम वहीं कर रहे हैं. ट्रेन जैसे ही पटना आउटर पर रुकती है, शराब कैरियर माल लेकर वहीं उतर जाते हैं

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