सांसद पप्पू यादव के फिर बिगड़े बोल, भीड़ में जाति पूछकर युवक को पिता सहित किया जलील
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बिहार के मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव अपने बिगड़े बोल के लिए खासा सुर्खियों में रहते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव नजदीक है। इस मद्देनजर वह अपने संसदीय क्षेत्र में घुमकर लोगों से मिल रहे हैं। इसी बहाने वे कई कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहे हैं। बीते कल सांसद पप्पू यादव सहरसा स्टेडियम परिसर में आयोजित हो रहे परमेश्वर कुंवर और लहटन चौधरी स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्दघाटन करने पहुंचे थे। उद्दघाटन के बाद पत्रकारों से वे रूबरू हुए। उसी बीच में रजनीश नाम के एक युवक ने उनसे साढ़े चार साल के उनके कार्यकाल की उपलब्धि जाननी चाही। इस सवाल पर सांसद महोदय अगिया-बेताल हो गए।उन्होंने उसी सार्वजनिक स्थान पर उस युवक को और उसके पिता को सरेआम अपमानित कर दिया। युवक की महज यह गलती थी कि उसने एक आम नागरिक होने के नाते पप्पू यादव से पूछ लिया कि उनकी उपलब्धि क्या है?
पप्पू यादव हमेशा युवाओं के साथ होने और युवाओं के दम पर राज्य और देश बदलने की बात करते हैं लेकिन उन्हीं युवकों में से एक ने जब उनसे उनकी उपलब्धि पर सवाल कर दिया तो वह आग बबूला हो गए। पप्पू यादव ने हद की इंतहा पर करते हुए उस युवक की जाति पूछकर उसे और उसके पिता को सरेआम अपमानित कर दिया। सासंद पप्पू यादव ने स्टेडियम में मौजूद भीड़ के सामने ही रजनीश नाम के उस युवक की जाति चीखकर लोगों से पूछी। उन्होंने कहा कि इस युवक ने उनसे उनकी उपलब्धि पूछकर अपनी जाति बता दी है। पप्पू यादव यही नहीं रूके उन्होंने युवक को कहा ‘पहले अपनी उपलब्धि और अपने बाप की उपलब्धि पता कर लें, तब दूसरों की उपलब्धि के बारे में पूछें।’ सांसद ने यह भी कहा कि ‘जितना उस युवक का वजन है उतना पैसा वे रोज गरीबों को बांटते हैं। पप्पू यादव ने कहा कि अभीतक वे सत्रह करोड़ रुपये बांट चुके हैं।
पप्पू यादव की इस तरह के बिगड़े बोल और सरेआम अपमान के बाद युवक रजनीश काफी आहत है। उसका कहना है कि एक सांसद उनसे इस तरह की बात करेंगे, उन्हें कहीं से इसकी आशंका नहीं थी। युवक ने कहा मेरे साथ मेरे पिता को भी सरेआम अपमानित किया गया है। सवाल यह है कि एक सांसद होकर पप्पू यादव एक बार फिर अपनी दबंगई का उदाहरण दिया है। एक उपलब्धि पूछे जाने पर युवक के प्रति उनका इतना गुस्सा बढ़ गया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से युवक को अपमानित कर दिया। इससे भी शर्म की बात यह है कि उन्होंने युवक के पिता का नाम लेकर और जाति सूचक शब्द उपयोग कर अपमानित किया।
आपको बता दें कि पप्पू यादव लगातार नेताओं, बाबाओं से आम लोगों के बारे में काफी वीभत्स और शर्मनाक भाषा का प्रयोग करते आ रहे हैं. जाहिर है कि अभिव्यक्ति की आजादी का यह मतलब नहीं कि हम जब चाहें, किसी को भी कुछ कह डालें। जिन्हें संविधान का ककहरा पता नहीं है, वे संविधान सुरक्षा की बात कैसे कर सकते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पप्पू यादव इतने रुपये लाते कहाँ से हैं, जो प्रदर्शनी लगाकर बांटते हैं और खुद को दानवीर साबित करने में लगे रहते हैं। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में उनके द्वारा समर्पित हलफनामे में उन्होंने अपनी कुल सम्पत्ति 31 लाख बताई थी। उनके पास 2004 में खेती योग्य जितनी जमीन थी, उसका का मूल्य करीब 5 लाख था। 2014 लोकसभा चुनाव में उनके द्वारा समर्पित हलफनामे में उनकी जमीन की कीमत 1,50,00,000 रुपये हो गयी।
2004 में उन्हें कोई कमर्शियल बिल्डिंग नहीं थी लेकिन 2014 में 6 करोड़ की कमर्शियल बिल्डिंग हो गई। अब ये साढ़े चार साल में सत्रह करोड़ रुपये बांटने की बात करते हैं। सूत्रों से हमें जानकारी मिली है कि कुछ एनजीओ भी इनके कब्जे में है, जिसको विदेश से भी अकूत फंड मिलते हैं। कई बड़े प्राइवेट अस्पताल, स्कूल, उद्योगपति और मोटे कारोबारियों पर भी इनका दबदबा है। सरकार को चाहिए कि इनके रुपये लुटाने वाले सोर्स का किसी एजेंसी के माध्यम से खुलासा करवाये। ये दानवीर वैसे लोगों को रुपये देते हैं, जिन्हें रुपये देकर इनकी शोहरत में इजाफा हो सके। पैसे के दम पर उठाईगिरी से सिक्त मीडिया इनके साथ चलती है। पप्पू यादव कहते हैं कि वे जात-पात और धर्म-मजहब से ऊपर की चीज हैं। लेकिन किसी से उसकी जात पूछना किस मानसिकता का परिचायक है? एक युवक के अपमान के तरीके ने पप्पू नाम के मसीहा की पोल-पट्टी खोलकर रख दी है।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप से सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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