City Post Live
NEWS 24x7

“विशेष” : कोसी क्षेत्र में एम्स निर्माण की संभावना बढ़ी, चरणबद्ध आमरण अनशन के लिए नारी शक्ति ने कसी कमर

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

“विशेष” : कोसी क्षेत्र में एम्स निर्माण की संभावना बढ़ी, चरणबद्ध आमरण अनशन के लिए नारी शक्ति ने कसी कमर

सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बिहार में दूसरे एम्स निर्माण की घोषणा 2016 में ही हुई थी लेकिन राज्य सरकार की सुस्त और कुंद नीति की वजह से जगह के प्रस्ताव भेजने में काफी देरी हुई। सरकार ने महज एक जगह दरभंगा डीएमसीएच का प्रस्ताव भेजा जिसे बीते कुछ दिन पहले केंद्रीय टेक्निकल टीम ने जांच के बाद निर्माण प्रस्ताव को बहुतों कारण गिनाते हुए खारिज कर दिया। वैसे यहाँ यह उल्लेख करना दीगर है कि वर्ष 2016 से ही सहरसा के लोग एम्स का निर्माण सहरसा में हो इसके लिए आंदोलन कर रहे थे। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले कई सामाजिक संगठन और अलग से कई सामाजिक संगठन एम्स निर्माण के लिए विभिन्य तरीके से लगातार संघर्ष कर रहे थे। इसी वर्ष एम्स निर्माण के लिए भूख हड़ताल के दौरान 5 जनवरी को पीपुल्स पॉवर संगठन के संस्थापक पूर्व बीडीओ डॉक्टर गौतम कृष्ण को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। इस गिरफ्तारी की वजह से आंदोलन को तत्काल स्थगित करना पड़ा था।

गौरतलब है कि जब से दरभंगा में एम्स निर्माण की संभावना को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने लिखित रूप से खारिज करते हुए, राज्य सरकार को इससे अवगत करा दिया है,तब से सहरसा वासियों की उम्मीद को पंख लग गए हैं ।वैसे एम्स का निर्माण कोसी इलाके में हो इसकी चर्चा अब केंद्र के राजनीतिक गलियारे में भी जमकर हो रही है। इस बीच हमारी बातचीत खुद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा, मुख्तार अब्बास नकवी, शहनवाज हुसैन, अश्वनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय से हुई है। इनलोगों ने बातचीत के दौरान यह उम्मीद हमें बंधाई है की एम्स का निर्माण कोसी इलाके में हो, इसपर विचार किया जा रहा है। विगत 19 जनवरी को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पॉवर ग्रिड के शिलान्यास के लिए सहरसा के सिहौल गाँव पहुँचे थे। उस दौरान मंच साझा कर रहे मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने कार्यक्रम के दौरान ही नीतीश कुमार से सहरसा में एम्स का निर्माण हो, इसकी मांग कर डाली।

इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि एम्स निर्माण उनके बस में नहीं है। यह मसला केंद्र का है। लेकिन वे प्रयास करेंगे कि एम्स का निर्माण कोसी इलाके में हो। यानि एक तरह से नीतीश कुमार के हृदय तक यह बात पहुंचाने में क्षेत्रीय सांसद कामयाब हुए।
वैसे इस कड़ी में यह बताना भी बेहद जरूरी है कि केंद्र सरकार के द्वारा बिहार में कोसी की धरती पर एम्स निर्माण की घोषणा नहीं होने के कारण जो सिलसिलेवार आंदोलन की शुरुआत हुई, उस आंदोलन की धमक अब दिल्ली तक पहुंच गई है। एम्स का निर्माण सहरसा में हो इसके लिए अब दिल्ली में भी आंदोलन शुरू हो गया है। दिल्ली स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद डवलपमेंट फाउण्डेशन के हरि शंकर तिवारी ने जानकारी दी की विगत दिनों उन्हें पता चला कि एक्स बीडीओ डॉ गौतम कृष्ण सहित अन्य सामाजिक और राजनीतिक दलों के द्वारा एम्स निर्माण को लेकर आंदोलन चल रहा था। इस आंदोलन में डॉ गौतम कृष्ण को जेल जाना पड़ा । लेकिन गौतम कृष्ण का यह आंदोलन दिल्ली के लोगों की नजरों में आया।

हरिशंकर तिवारी ने कहा कि जब इस जरूरत को मिथलांचल, सीमांचल और कोशी के लोगों ने दिल्ली में देखा तो फाउंडेशन के लोगों ने विचार किया कि सहरसा में एम्स निर्माण हो इसको लेकर दिल्ली में आंदोलन शुरू किया जाये । हालांकि उन्होंने यह जानकारी भी दी की उनकी पहली मुलाकात में माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि एम्स निर्माण होगा तो कोशी के इलाके में ही होगा। जबकि केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे ने भी आस्वासन दिया है कि एम्स का निर्माण कोसी इलाके में ही होगा। डॉ राजेंद्र प्रसाद डवलपमेंट फाउण्डेशन के दीपेश कुमार , विजय सिंह, ललिता जी, ज्योति, अर्जुन व सरस्वती फाउंडेशन के आनंद पुष्पम आदि लोगों ने यह जानकारी दी कि जब तक सहरसा की धरती पर एम्स निर्माण नहीं होगा, तब तक दिल्ली में यह आंदोलन जारी रहेगा। सही मायने में, डॉ गौतम कृष्ण के अनशन व जेल यात्रा ने बिहार के अलावे दिल्ली तक के सोये हुए लोगों को जगा दिया है। अब यह देखना बेहद जरूरी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा सहरसा की धरती पर एम्स निर्माण के लिए कब हरी झंडी दिखाते हैं।

इधर सहरसा के लोगों के पूर्ववर्ती आंदोलन ने कोसी की नारी शक्ति में भी उबाल ला दिया है। आगामी 27 जनवरी से सहरसा के स्टेडिम परिसर के बाहर कोसी की नारी शक्ति सात दिनों की किश्त में आमरण अमशन पर बैठने जा रहा है। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले यह अनशन तबतक चलेगा, जबतक केंद्र द्वारा सहरसा में एम्स निर्माण करने की घोषणा नहीं हो जाती है ।पहले फेज में जिला पार्षद प्रियंका आनंद के नेतृत्व में अनशन की शुरुआत होगी। उसके बाद महिला समाजसेवी ममता सिंह एवं इंदिरा झा के नेतृत्व में आमरण अनशन का यह सिलसिला चलेगा। जाहिर सी बात है कि आगे शमां खूब बंधेगा और कारवां बनता ही चला जायेगा। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद झा और संरक्षक प्रवीण आनंद ने कहा है कि जब-जब नारी शक्ति मैदान में उतरी है,इतिहास बना है। हमारी माताओं,बहनों और बेटियों ने यह संकल्प लिया है की वे तबतक आमरण अनशन जारी रखेंगी, जबतक केंद्र सहरसा में एम्स निर्माण के लिए पक्की घोषणा ना कर दे। यानि सहरसा की फजां एकबार फिर से आंदोलनमय होने जा रहा है। लड़ाई आरपार की है। देश का यह पहला अनूठा आंदोलन होगा, जिसमें नारी शक्ति किश्तों में आमरण अनशन करेगी। हम भी तहेदिल से इस ऐतिहासिक आंदोलन की सफलता की कामना करते हैं।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष”रिपोर्ट

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.