“विशेष” : आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम की पवित्रता पर उठ रहे हैं सवाल
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : दिल्ली में बीजेपी को मिली करारी हार और खासकर के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बीजेपी के ताज छिनने से ईवीएम मशीन के हैकिंग और उसकी चरित्रहीनता की अपार शंका पर से सभी का एतबार खत्म हो गया और सभी ने एक सुर में ईवीएम को बेहद निर्मल और पवित्र होने का सर्टिफिकेट दे डाला। विभिन्य दलों के शीर्षस्थ नेताओं ने ईवीएम में किसी भी तरफ की गड़बड़ी की तमाम आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ब्रिटेन में हैकरों ने एक प्रेस वार्ता में दिल्ली में केजरीवाल और 2014 में लोकसभा चुनाव में ईवीएम हैकिंग करने का दावा कर के हिंदुस्तानी अवाम को एकबार ना केवल डरा दिया है बल्कि लोगों का सुख चैन छीनने की कोशिश की है।
इंडियन जर्नलिस्ट असोसिएशन (यूरोप) की तरफ से लंदन में आयोजित कार्यक्रम में EVM पर बेहद खास चर्चा हुई। इसके बाद से ही देश की राजनीति में हडकंप मच गया है। भारतीय मूल के एक एक्सपर्ट ने दावा किया कि भारत में कई बार ईवीएम की हैकिंग हुई थी। भारतीय मूल के अमरीकी टेक एक्सपर्ट सैयद सूजा ने दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा (एनडीए) को मिली ऐतिहासिक जीत ईवीएम हैकिंग के आधार पर ही मिली थी। यही नहीं 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को शानदार जीत दिलाने में भी ईवीएम हैकिंग की मुख्य भूमिका थी। यानि एक्सपर्ट की मानें तो ईवीएम को हैक करना उनके बाएं हाथ का खेल है। एक्सपर्ट सैयद सूजा ने कहा है कि ईवीएम को आसानी से हैक किया जा सकता है।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि उनकी 14 लोगों की टीम है जो ईवीएम को हैक कर चुकी है। हैकर ने वार्ता के दौरान यह आरोप भी लगाया है कि इस वजह से उनके ऊपर पूर्व में जानलेवा हमले भी हो चुके हैं। यही वजह है कि उन्होंने अमरीका में शरण ले ली है। सूजा ने यह भी दावा किया है कि भारतीय ईवीएम डिजाईन करने वाली टीम के वे हिस्सा रह चुके हैं। इसलिए उन्हें पूरा पता है कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। लंदन में चल रही हैकथॉन में इस साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया है कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की 2014 में हत्या की गई थी। एक्सपर्ट सईद सूजा का कहना है कि मुंडे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक करने के बारे में जानकारी रखते थे। भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को डिजाइन करने वाले एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी धांधली हुई थी। यहां तक कि सूजा का दावा है कि 2014 के आम चुनाव में भी ईवीएम में गड़बड़ी की गई थी। एक्सपर्ट ने कहा कि इस मशीन को ब्लूटूथ की मदद से हैक नहीं किया जा सकता है। लेकिन ग्रेफाइट आधारित ट्रांसमीटर की मदद से ही ईवीएम को खोला जा सकता है। इन ट्रांसमीटरों का इस्तेमाल 2014 के चुनाव में भी किया गया था।
एक्सपर्ट का दावा है कि कोई व्यक्ति ईवीएम के डेटा को मैन्युपुलेट करने के लिए लगातार पिंग कर रहा था। 2014 में बीजेपी के कई नेताओं को इस बारे में जानकारी थी। जब उन्होंने एक अन्य बीजेपी नेता तक यह बात पहुंचाई तो उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति की हत्या करवा दी। एक्सपर्ट का कहना है कि उन्होंने दिल्ली के चुनाव में इस ट्रांसमिशन को रुकवा दिया था इसलिए बीजेपी यह चुनाव हार गई थी। दिल्ली के चुनाव में बीजेपी की आईटी सेल द्वारा किया गया ट्रांसमिशन पकड़ में आ गया था।एक्सपर्ट ने कहा, ‘हमने ट्रांसमिशन को आम आदमी पार्टी के पक्ष में कर दिया था’। वास्तविक नतीजे 2009 के जैसे ही थे ।’एक्सपर्ट का दावा है कि बीजेपी ने कम फ्रिक्वेंसी वाले ट्रांसमिशन को भी इंटरसेप्ट करने की कोशिश की थी। बीजेपी को जब ईवीएम को लेकर चुनौती दी गई तो उन्होंने ऐसी मशीन का इस्तेमाल किया, जिसे हम भी हैक नहीं कर सकते हैं।
इंडियन जर्नलिस्ट असोसिएशन (यूरोप) की तरफ से लंदन में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। कपिल सिब्बल की मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि ‘कांग्रेस के पास बहुत से फ्रीलांसर हैं, जो कभी कभी मोदी जी को हटाने में मदद मांगने के लिए पाकिस्तान भी पहुंच जाते हैं। आने वाले चुनाव में हार को देखते हुए वे (कांग्रेस) हैकिंग हॉरर शो बना रहे हैं। ‘उन्होंने आगे कहा कि कपिल सिब्बल का वहां मौजूद होना कोई इत्तेफाक नहीं है। उन्हें कांग्रेस, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने वहां भेजा है। उन्होंने कहा,’जिन लोगों को भी देश और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने की सुपारी दी गई है, उस सुपारी को यहां से लेकर कोई डाकिया तो जाना चाहिए ना। तो वो डाकिया कपिल सिब्बल के रूप में भेजा गया है।’
यहाँ यह बताना बेहद जरूरी है कि चुनाव आयोग हमेशा इस बात का दावा करता रहा है कि भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले ईवीएम से कभी भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है। चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमारे ध्यान में आया है कि लंदन में एक इवेंट में दावा किया जा रहा है कि ईसीआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों में छेड़छाड़ की सकती है। ईसीआई इस मामले में कोई पार्टी नहीं बनना चाहती है। यह प्रायोजित चुनौती है और ईसीआई अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।
‘ईसीआई ने अपने बयान में कहा है कि, ‘भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक ऐंड कॉर्पोरेशल ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बेहद कड़े सुपरविजन में बनाई जाती हैं। 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमिटी की देखरेख में यह पूरा काम होता है। हम इस बात पर भी अलग से विचार करेंगे कि क्या इस मामले पर कोई कानूनी मदद ली जा सकती है? यानि अब ईवीएम पर गरमा-गरम बहस की पूरी संभावना बन गयी है। कुल मिलाकर ईवीएम की अस्मत और आबरू फिलवक्त खतरे में हैं। आगे यह देखना बेहद जरूरी है कि चुनाव आयोग इस मामले को कैसे निपटाता है।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप से सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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