शत्रुघ्न सिन्हा ममता दीदी की रैली में जाएंगे, पार्टी में हमें वो सम्मान नहीं मिला
सिटी पोस्ट लाइव– अपनी पार्टी से नाराज चल रहे पटना साहिब से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अक्सर अपने शीर्ष नेतृत्व पर शब्दों से प्रहार करते रहते हैं. लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा का आखिर में दर्द झलक ही उठा. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में तब से हूँ जब मात्र दो सांसद इस पार्टी में थें. सांसद ने कहा कि मैंने वफादारी के साथ अपनी पार्टी में जिम्मेवारी निभाई है. मेरी वफादारी पर कोई संदेह् नहीं उठा सकता. लेकिन हमें पार्टी में वो सम्मान नहीं मिला. जिसका मै हकदार था. इसी क्रम में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमों एवं प० बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि -“वे राष्ट्रीय नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वें कोलकाता में शनिवार को होने वाली ममता बनर्जी की रैली में शिरकत करेंगे.”
जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी प्रधानमंत्री बनेंगीं, शत्रुघ्न सिन्हा ने इनकार नहीं किया . उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनाने का फैसला चुनाव में संख्या के आधार पर होता है, ममता बनर्जी श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाली राष्ट्रीय नेता हैं. शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि -“ममता की रैली में वे संस्था ‘राष्ट्र मंच’ के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होंगे . इस संस्था की शुरुआत भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने की है.” शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि आखिर भाजपा के नेता भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होते हैं. क्या यह पार्टी के विरोध में उठाया गया कदम है, इस सवाल पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पार्टी के उनकी वफादारी पर सवाल नहीं किए जा सकते.
बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा पहली बार पार्टी लाइन से बाहर नहीं गए हैं. पहले भी वे महागठबंधन के घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करते रहे हैं. उन्हें लालू के बेटे तेजस्वी यादव में भविष्य का नेता दिखता है. बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान जब नीतीश कुमार भाजपा के विरोध में थे, शत्रुघ्न सिन्हा उनसे मिलते रहे थे. गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक भाजपा नेताओं की आलोचना करते रहे हैं. वे पीएम मोदी सरकार के नोटबंदी व जीएसटी के बड़े फैसलों के भी आलोचक रहे हैं . हाल की बात करें तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के साथ रहने के कारण उन्हें पीएम मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया, हालांकि उन्हें इसकी फिक्र नहीं . उन्होंने यह भी कहा कि वे हर हाल में पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे. आपको बता दें कि बीजेपी उनकी प्रतिक्रिया का कोई जवाब नहीं देती है. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तो उन्हें कई बार पार्टी तक छोड़ने की नसीहत दे दी है.
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