करकटगढ़ बनेगा मगरमच्छ व इको टूरिज्म का केंद्र – नीतीश कुमार
सिटी पोस्ट लाईव- बिहार सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये ध्यान दे रही है. ताकि रोजगार के नये-नये अवसर का सृजन हो. इसी क्रम में मंगलवार को नीतीश कुमार ने कैमूर को एक नया इको टूरिज्म व मगरमच्छ केंद्र दिया. यह निर्देश नीतीश कुमार ने मंगलवार को जलप्रपात स्थल का चारों तरफ से निरीक्षण करने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि -“करकटगढ़ को लिंक रोड से जोड़ने के लिए पथ निकालें जिससे यहाँ आनेवाले पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो. उन्होंने इस स्थल की काफी प्रशंशा की एवं शीघ्र इसपर गौर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.
नीतीश कुमार ने कहा कि -“टूरिज्म के लिए करकटगड़ को अंडर फुट बनाने की भी योजना पर विचार किया जायेगा. यह अद्भुत प्राकृतिक व उद्गम सौंदर्य है. ” वहीं सीएम ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया और कहा कि -“इस महीने के अंत में या फिर फरवरी महीने के फर्स्ट वीक में एक बार फिर इस सुंदर सा उद्गम दृश्य स्थल को देखने के लिए जरूर आएंगे.” इसके साथी ही उन्होंने विभागीय अधिकारी को आदेश व दिशा निर्देश देते हुए यह कहा कि -“जल पक्षी तथा पशु का सर्वे कराकर विभाग को सूचित जल्द से जल्द हो जाए.” इस जलप्रपात के पास आने जाने का क्या समय है. इसके लिए उचित मैपिंग भी बनाने का निर्देश दिया है. वहीं इस जलप्रपात में मगरमच्छ संरक्षण केंद्र व ईकोटूरिज्म बनने से यहां आने जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. साथ ही उन्हें इसका शीघ्र प्लान तैयार करने का निर्देश देते हुए विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डी के शुक्ला व मुख्य वन संरक्षक वन्य प्रणाली भारत ज्योति को दिशा निर्देश दिया.
सीएम ने कैमूर में बनने वाले टाइगर रिजर्व जोन व पक्षी आश्रय के लिए भी वन विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली और कहा कि -“हम चाहते हैं कि इको टूरिज्म वन विभाग के जिम्मे रहे. इसके अंदर एक विभाग बने जो इको टूरिज्म को देखे क्योंकि पर्यटन विभाग के जिम्मे इको टूरिज्म कर रहने से वैधानिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.” हालांकि जलप्रपात की दूरी पर खाली मैदान की घेराबंदी करने को भी कहा जिससे कि कोई भी व्यक्ति को गड्ढे में गिरने का डर नहीं रहेगा. मुख्यमंत्री ने नदी के तट पर बने सर्किट हाउस के तरफ से जा रही नदी का भी मुआयना किया.
बता दें कि इस जलप्रपात की ऊंचाई तकरीबन 35 से 36 मीटर की है. जो कि यह उद्गम स्थल कैमूर जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 से 52 किलोमीटर की दूरी पर है. इस जलप्रपात का लिंक अधौरा प्रक्षेत्र के कई गांवों से होते हुए सारोदाग स्थित एक वृक्ष में है. यह जलप्रपात कैमूर के करकटगढ़ पहाड़ अपने आप में इतिहास के कई सारे मायने और उद्गम दृश्य को संजोए रखा है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने दुर्गावती के धनेछा इंटर स्तरीय विद्यालय में अपने सभा के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि -“यहां दो बाघों की भी सूचना मिली है. जो कि इस पर विचार किया जाएगा वहीं किसानों के लिए भी कहा कि हर किसानों के लिए अलग से फीडर बनेगा हर घर बिजली का कनेक्शन देने का वादा किया था. जो पूरा किया हूं.” इस मौके पर सीएम की सभा में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, जल संसाधन तथा योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, परिवहन मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री संतोष कुमार निराला, रामगढ़ विधायक अशोक कुमार सिंह, मोहनिया विधायक निरंजन राम, भभुआ विधायक श्रीमती रिंकी रानी पांडे ,एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य संतोष कुमार सिंह, पूर्व सांसद महाबली सिंह सहित कई नेतागण मौजूद थें.
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