#citypostlive दरभंगा : केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दरभंगा से नागरिक उड़ान को लेकर किये गये शिलान्यास का कार्य मिथिला के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। 92 करोड़ की लागत से टर्मिनल एवं हवाई पट्टी का दोहरीकरण का कार्य होगा। प्रथम चरण में स्पाइसजैट एयरलाईन की ओर से दरभंगा से दिल्ली, मुम्बई और बेंगलुरू के लिए सेवा शुरू की जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुरेश प्रभु और मै एक साथ अटलजी के सरकार में मंत्री थे और जयंत सिन्हा जी के पिता बिहार भाजपा के अध्यक्ष और विरोधी दल के नेता रह चुके हैं। अभी भले ही वे कहीं हों, लेकिन जयंत सिन्हा जी जहां हैं, वहां जमे रहिए और बिहार में जल्द पूर्णिया हवाई अड्डा भी चालू करने का काम कीजिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हर बिहारी झारखंडी है और झारखंडी बिहारी है। वैसे आप बिहारी हैं, इसे देखते हुए दरभंगा से रांची और पटना, कोलकाता और भुवनेश्वर के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध करावें। लगे हाथ उन्होंने गया, बिहटा के हवाई अड्डा की भी चर्चा की। वैसे जनकपुर का नाम जोड़ने की मांग उठने पर उन्होंने चुटकी भी ली और कहा कि आप लोग केवल जिंदाबाद ही कीजिएगा, वैसे जनकपुर, नेपाल है और उस समय भी मिथिला का राजधानी जनकपुर था। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर भी मै नेपाल से कनेक्टिविटी के पक्ष में हूं। इस कार्यक्रम से मुख्यमंत्री इतने खुश थे कि उन्होंने कहा कि दरभंगा से हवाई सेवा शुरू होने से पूरे देश में फैले मिथिला और बिहार के लोगों को खुशी है और जिस तरह से लोगों में खुशी है, और मिथिला के लिए आज का दिन शिलान्यास समारोह दरभंगा के मध्य में होना चाहिए, जिसमें लाखों लोगों की भागीदारी होती। प्रतिबंधित क्षेत्र में कार्यक्रम के आयोजन से उन्होंने जिलाधिकारी के प्रति नाराजगी भी व्यक्त की। लगे हाथ उन्होंने केबिनेट सचिव आर. के महाजन से कहा कि पूर्णिया में हवाई सेवा के लिए जो कार्यक्रम हो, वह मध्य शहर में हो। जिसमें सबों की भागीदारी हो सके। वैसे तो मुख्यमंत्री का भाषण पूरी तरह हवाई सेवा पर ही रहा, लेकिन इस क्रम में उन्होेंने विकास की बात की और कहा कि लोग घर-घर बिजली सपना समझते थे, लालटेन युग में लोग रहते थे। अंधकार के कारण रात के समय लोग बच्चे को यह कहकर डराते थे कि भूत आ जाएगा, पर अब भूत भी भाग गया और लालटेन युग भी समाप्त हो गया। घर-घर जब बिजली पहुंच गई, तो लालटेन का क्या काम। मुख्यमंत्री सड़क की भी चर्चा करने लगे फिर वे रूक गये और कहा कि 27 दिसम्बर को मै फिर आ रहा हूं और उस समय सड़क की बात करेंगे। जिस तरह दरभंगा-पटना की दूरी घट गई। उसी तरह अब दरभंगा-सहरसा की दूरी भी बहुत कम हो जाएगी।
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