#citypostlive लहेरियासराय : विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन भवानीपुर पंचायत भवन पर किया गया। शिविर की अध्यक्षता करते हुए पैनल अधिवक्ता बाबू साहब सिंह ने लोगों को विभिन्न कानूनों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामूली विवाद को सामाजिक स्तर पर सुलझाना बुद्धिमानी है। इससे समाज में समरसता बनी रहती है। उन्होंने गोद लेने संबंधी कानून के बारे में बताते हुए कहा कि नि:संतान दंपति कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेकर संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए पति पत्नी आपसी सहमति से पंद्रह साल से कम आयु के बच्चे को गोद ले सकते हैं। अविवाहित पुरुष या महिला भी बच्चे को गोद ले सकते हैं परंतु गोद लेने वाले एवं गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम इक्कीस वर्ष का अंतर होना चाहिए। प्राधिकार सहायक कुमार गौरव ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि अपराध के प्रकार को जानकारी लोगों को रखनी चाहिए। जैसे जमानतीय अपराध जो कि मामूली विवाद होता है और इसमें तीन साल से कम की सजा होती है तथा इसमें अभियुक्त को जमानत की मांग करने का अधिकार होता है। अजमानतीय अपराध गंभीर मामले होते हैं जो कि तीन साल से अधिक कारावास की सजा वाले होते हैं और इसमें अभियुक्त को जमानत की सुविधा प्रदान करना न्यायालय के विवेक पर होता है। वहीं संज्ञीय अपराध जो कि तीन साल या उससे अधिक सजा वाले गंभीर मामले होते हैं, जिसमें पुलिस अभियुक्त को बिना वारण्ट गिरफ्तार कर सकते हैं, जबकि असंज्ञेय अपराध मामूली होते हैं। जिसमें सामान्यत: पुलिस बिना वारण्ट गिरफ्तार नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले जिसे सुलह समझौता कर समाप्त करा सकते हैं उसे शमनीय अपराध कहा जाता है, जो कि मामूली विवाद होते हैं जबकि गंभीर अपराध जिसे कि समाज के विरुद्ध कारित किया जाना समझा जाता है और इसे सुलह समझौता के आधार पर निपटाया नहीं जा सकता यह अशमनीय अपराध होता है। सरपंच सुरेंद्र झा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम का समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। मौके पर मुखिया कुमारी पल्लवी, पीएलवी रामकुमार सिंह, पुण्यानंद ठाकुर, मो. अलाउद्दीन, मुकेश कुंवर, संजीव कुमार मिश्र, मदन कमती, शिवजी राम, दोरिक मुखिया, परमानंद झा, संजीव कुमार साहू, तारानंदन ठाकुर, उदयकांत झा आदि उपस्थित थे।
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