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लोजपा की दो टूक-‘हमें सम्मान दे बीजेपी नहीं तो रास्ते बहुत हैं’, सात सीटों से कम मंजूर नहीं’

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लोजपा की दो टूक-‘हमें सम्मान दे बीजेपी नहीं तो रास्ते बहुत हैं’, सात सीटों से कम मंजूर नहीं’

सिटी पोस्ट लाइवः एनडीए में एकबार फिर सीटों को लेकर खींचतान मची है। दोस्ती दरकने की हद तक जा पहुंची है। उपेन्द्र कुशवाहा पहले हीं एनडीए छोड़ चुके है। अब लोजपा ने बीजेपी को दो टूक कह दिया है कि अगर समय रहते हमें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो हमारे पास ढेरों रास्ते हैं। पहलो लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बीजेपी को बड़े सधे शब्दों में चेताया कि अगर समय रहते सीटों की शेयरिंग पर अंतिम सहमति नहीं बनी तो एनडीए को नुकसान होगा। चिराग के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल सा आ गया। अब लोक जनशक्ति पार्टी ने चिराग पासवान के बयान को पार्टी का आधिकारिक बयान बताया है और बीजेपी को दो टूक कह दिया है कि अगर समय रहते सीटों की शेयरिंग पर अंतिम सहमति नहीं बनी तो हमारे पास और भी रास्ते है। राजनीति में और भी रास्तों का क्या मतलब होता है शायद हम और आप बेहतर जानते हैं।

आज पटना में लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की और साफ संकेत दे दिये की सीटों की शेयरिंग पर एनडीए में बवाल बढ़ने के पूरे आसार है। पारस ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी 2014 में एनडीए का हिस्सा बनी, साढ़े चार सालों तक हम पूरी ईमानदारी के साथ एनडीए के साथ रहे। अब भी हैं, हम चाहते हैं कि 2019 में एनडीए की सरकार बने, पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने लेकिन बीजेपी को हमें सम्मान देना होगा। बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर आधी-आधी सीटें बांट ली और लोजपा को पूछा तक नहीं ऐसे में हम बीजेपी के पीछे क्यों घूमते रहेंगे। 2014 में लोजपा 7 सीटों पर लड़ी थी और सातों पर जीती थी। तो सात सीटों से कम पर लड़ने का सवाल हीं पैदा नहीं होता।

पारस ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चाहिए कि वे एनडीए के सभी सहयोगियों को एक साथ बिठायें और सीटों की शेयरिंग पर अंतिम सहमति बनाएं। जाहिर है लोजपा ने दो संकेत साफ दिये हैं। पहला यह कि अगर सीट शेयरिंग पर जल्दी सहमति नहीं बनी तो दोस्ती दरक सकती है। दूसरा संकेत यह कि 7 सीटों से कम लोजपा को मंजूर नहीं है। जाहिर है बिहार की राजनीति का तापमान और बढ़ने वाला है और बढ़ने वाली हैं बीजेपी की मुश्किलें।

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