SPs नहीं सून रहे DGP की बात, अधर में है पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर का आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : आम आदमी और पुलिस के बीच फर्क बस इतना भर होता है कि पुलिसवाले ट्रेंड और अनुशासित होते हैं और आम आदमी अनट्रेंड अनुशासित और अनुशासनहीन भी. अज एक आम आदमी अनुशंसन तोड़े तो उसे पुलिस नियंत्रित करती है. लेकिन जब ट्रेंड पुलिसवाले अनुशासनहीन हो जाएँ तो उन्हें कौन कण्ट्रोल करेगा. आप कहेगें कि उनके बड़े ऑफिसर .लेकिन जब वो बड़े ऑफिसर्स यहाँ तक की अपने मुखिया डीजीपी की भी बात न सुनें तब क्या हो. ऐसी ही स्थिति बिहार पुलिस की हो गई है. पुलिसकर्मी अनुशासनहीन हो गए हैं. उन्हें डीजीपी से भी दर नहीं लगता. सिपाही एसपी को पीटने लगते हैं और एसपी डीजीपी के आदेश को नहीं मान रहे.
बिहार पुलिस और शासन व्यवस्था किस हाल में है,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश (डीजीपी ) को भी विभाग के अफसर (एसपी ) नहीं मान रहे हैं. दरअसल पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर पिछले नवंबर महीने में सभी जोन में सिपाही से लेकर इंसपेक्टर तक के पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर किया गया था. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से SP को स्थानांतरित किए गए पुलिसकर्मियों को फिजिकली रिलीव करवाकर रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपने का निर्देश दिया था. लेकिन कई जिलों के SP ने इसका अनुपालन नहीं किया है.
पुलिस मुख्यालय यानी डीजीपी द्वारा नवंबर महीने में सिपाहियों, प्रोमोशन पाए ASI तथा SI एवं इंसपेक्टर और पटना जिला से प्रशासनिक आधार पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों का ट्रांसफर अलग-अलग जिला और यूनिट्स में किया गया था. इन्हें रिलीव करवाकर Compliance report उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. लेकिन अभी तक आदेश लागू नहीं हुआ है. बिहार के DGP के.एस द्विवेदी ने जिलों के पुलिस निरीक्षकों की लापरवाही पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सख्त निर्देश जारी किया है. इस निर्देश में ये कहा गया है कि पिछले दिनों सभी जोन में जिन पुलिसकर्मियों के तबादले किए गए हैं उन्हें जल्द से जल्द रिलीव किया जाए और Compliance report प्रस्तुत किया जाए.
डीजीपी ने सभी पुलिस निरीक्षकों को 12 दिसंबर तक रिलीव करने का आदेश दिया है. राज्य पुलिस मुख्यालय ने 17 दिसंबर को इस आदेश पर हुई कार्रवाई की समीक्षा के लिए एक बैठक भी बुलाई है. संबंधित अधिकारियों को निर्धारित परफोर्मा के साथ मुख्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल जब ये पुलिसवाले अपने मुखिया के नियंत्रण में नहीं हैं तो इन्हें नियंत्रित कौन कर रहा है?
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