बड़े भाई-छोटे भाई की पेंच में फंसा महागठबंधन, कांग्रेस-राजद दोनों ठोक रही ताल
सिटी पोस्ट लाइव : पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे ने एनडीए को झकझोर कर रख दिया है. वहीं कांग्रेस की जीत ने राहुल गाँधी के नाम का डंका पूरे देश में पीट दिया है. हालांकि इन सबसे अलग बिहार महागठबंधन में अब एनडीए जैसे हालात बन रहे हैं. जिस तरह से जदयू और बीजेपी में बड़े छोटे भाई की चर्चा हुई थी. अब ठीक महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच बड़े भाई बनने की कवायत शुरू हो गई है. राजद ने साफ कह दिया है कि भले ही तीन राज्यों में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली हो, लेकिन, बिहार में राजद ही बड़ा भाई है.
वहीं, राजद-कांग्रेस के बड़े भाई-छोटे भाई को लेकर तकरार के बीच जदयू नेता खुर्शीद अहमद ने कहा है कि राजद और कांग्रेस को ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांटे का मुकाबला रहा है और कहीं कोई कांग्रेस और राहुल गांधी की लहर नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार का फार्मूला चलता है. नीतीश ने बिहार के विकास की नई गाथा लिखी है. जनता उनके सभी काम जानती है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी कांग्रेस और राजद के बीच तल्खी देखी जा चुकी है. जब कांग्रेस पार्टी के वरीय नेता कौकब कादरी ने सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. वहीं प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली में यूपीए की बैठक के दौरान न सिर्फ क्षेत्रीय दलों की खुलकर मुख़ालफ़त की थी. बल्कि, बिहार में महागठबंधन की स्टीयरिंग थामने का ताल भी ठोक दिया था. तेजस्वी यादव ने क्षेत्रीय दलों को भी महत्व देने की बात कही थी और कहा था कि जिन राज्यों में महागठबंधन के मजबूत दल का जनाधार है उन्हें हीं निर्णय लेने का अधिकार मिले और उन्हें ही ड्राइविंग सीट पर बिठाया जाना चाहिए.
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