#citypostlive बेनीपुर : गेहूं फसल की बुआई के लिए 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर मुख्य समय है, पर प्रमाणिक बीज किसानों को उपलब्ध कराने में प्रशासन विफल साबित हो रहा है। सुखार के कारण खेतों में पहले से ही नमीं नहीं के बराबर है। किसान खेतों में सिंचाई की व्यवस्था कर नमीं का प्रयास में लगे हुए हैं, लेकिन आज तक प्रमाणिक बीज उपलब्ध नहीं है। वैसे जिन किसानो के पास नलकूप है या फिर किराये पर नलकूप से पानी लेकर खेत में पटवन किया था। उनका खेत बुआई के लिए तैयार है। पर उनलोगों का कहना है कि प्रखंड कार्यालयों का चक्कर लगाकर लौट जाते हैं। बीज उपलब्ध नहीं है। सजनपुरा के किसान किशोर कुमार सिंह, उमेश यादव बताते हैं कि सरकारी घोषणाओं के लिए अनुरूप किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी दर मिलने वाली बीज का पता नहीं है। ऐसे में घर में रखे बीज से ही बुआई कर रहे हैं। वहीं महिनाम किसान गणपति मिश्र सुनील महतो, बताते हैं कि वे डीजल अनुदान के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाते हैं, लेकिन बैंक वाले आधार लिंक से नहीं जोड़ते हैं। वहीं विकूपट्टी के प्रवीण और सुरेश दास बताते हैं कि अगर समय पर मसूर और गेहूं के प्रमाणिक बीज उपलब्ध नहीं होता है, तो रब्बी फसल उपज में भारी ह्रास होगा। वहीं इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार कहते हैं कि बुआई का समय अभी हुआ है और शीघ्र ही किसानों को अनुदानित दल पर प्रमाणिक बीज आपूत्रि की जाएगी। साथ ही प्रखंड के 15 एकड़ जमीन में प्रशिक्षण के रूप में 70 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में किसानों से मसूर की खेती कराई जाएगी।
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