नीतीश को ‘मजबूरियों के मुख्यमंत्री’ बताकर मंत्री प्रमोद ने मारी पलटी
सिटी पोस्ट लाइव : बनिया, ब्राह्मण और भूमिहार यानी थ्री-बी की पार्टी भाजपा के एक बनिया मंत्री ने पहली बार नीतीश कुमार को आईना दिखाया है। मोतिहारी से विधायक और पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार बनिया वर्ग में कानू जाति से आते हैं। उन्होंने जहानाबाद में कहा कि नीतीश कुमार ‘मजबूरियों के मुख्यमंत्री’ हैं। लगभग यही बात कुछ साल पहले पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने कही थी कि नीतीश ‘परिस्थितियों के मुख्यमंत्री’ हैं। दोनों में इतना ही अंतर है कि शहाबुद्दीन राजद के नेता हैं और प्रमोद भाजपा के नेता हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रमोद कुमार ने जहानाबाद में कहा था कि भाजपा गठबंधन के लिए नीतीश को बुलाने नहीं गयी थी। इनका कहने का आशय था कि नीतीश को मजबूरी थी, इसलिए भाजपा के साथ आने को विवश हुए।
यानी मजबूरियों के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश भाजपा को जुमलेबाज पार्टी कहते थे और अब उनके साथ खड़े हैं। दरअसल प्रमोद कुमार की अंतरात्मा नीतीश सरकार में भाजपा मंत्रियों की ‘औकात’ बताने के बाद जगी है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अलावा सरकार के किसी मंत्री की भूमिका विभागीय फाइलों पर हस्ताक्षर करने के अलावा कुछ नहीं है। निर्णय सीएम सचिवालय में होता है। किसी निर्णय के पहले मंत्रियों से विमर्श तक नहीं किया जाता है। इससे आहत प्रमोद कुमार अचानक ‘विस्फोटक’ हो गये। चार बार विधायक रहने वाले मंत्री की औकात सरकारी ‘संसाधनों के दोहन’ से अधिक कुछ नहीं है। इस कारण उनकी नाराजगी स्वाभाविक थी।
लेकिन उनके बयान पर बवाल बढ़ने और फिर भाजपा नेतृत्व की फटकार के बाद उनकी अंतरात्मा ने ‘पलटी’ मारी और कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। लेकिन भाजपा के गलियारे में सवाल पूछा जाने लगा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ प्रमोद कुमार ने किसके इशारे पर बयान दिया। नीतीश के मुद्दे पर मौन रहने वाली भाजपा के मंत्री की मुखरता तब सामने आयी है, जब भाजपा राममंदिर के मुद्दे पर आक्रमक रवैये में आ गयी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी ‘राममंदिर राग’ अलापने लगे हैं। वैसे में प्रमोद कुमार के बयान का राजनीतिक अर्थ समझा जा सकता है।
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