# citypostlive दरभंगा : राज्य सूचना आयुक्त ओमप्रकाश ने कहा कि सरकार लोगों के लिए योजनाएं बनाती हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण निचले स्तर तक इसका लाभ नहीं पहुंचता। उन्होंने कहा कि इसलिए आम लोगों को सूचना का अधिकार दिया गया है, जिससे वे योजनाओं व कानून के क्रियान्वयन व अधिकारों के संरक्षण से जुड़ी सूचनाएं सीधे प्राप्त कर सकें। श्री प्रकाश ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के सभागार में सूचना का अधिकार विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर कानून की तरह इसका भी दुरूपयोग होता है। श्री प्रकाश ने सूचनाओं के प्रकार की व्याख्या करते हुए कहा कि यह तीन तरह की होती है। एब्सोल्यूट, इंफार्मेशन, क्वालिफाइड इंफार्मेशन व एक्जम्प्टेड इंफार्मेशन। हर प्राधिकार को एक पीआइओ नियुक्त करना है। इसके अलावा सहायक पीआइओ की नियुक्ति भी होती है जो आवेदन लेने को अधिकृत है, सूचनाएं देने को नहीं। अगर पीआइओ यह बताता है कि प्राधिकार का कोई अधिकारी या कर्मी वांछित सूचनाएं देने में सहयोग नहीं कर रहा तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि कानून के लागू हुए 13 साल हो गए लेकिन आज भी इसको लेकर लोगों के मन में भ्रम व शंकाएं हैं। उन्होंने जल्द ही विवि के अधिकारियों व प्रधानाचार्यों के लिए सूचना का अधिकार पर कार्यशाला आयोजित करने की बात कही। कुलपति ने सूचना के अधिकार पर पुस्तक लिखने के लिए प्रो. एन.के अग्रवाल और डा. नीरज कुमार को बधाई दी। इस मौके पर रूसा के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा, प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल, प्रो. विनोद कुमार चौधरी आदि ने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पुतुल सिंह ने किया।
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