#citypostlive दरभंगा : एमआरएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 विद्यानाथ झा ने कहा कि हमारे पूर्ववज पर्यावरण की महत्ता को समझते थे। इसलिए उन्होंने प्रकृति पूजन को प्रकृति संरक्षण के रूप में मान्यता दी। उन्होंने कहा कि भारत में पेड़-पौधों, नदी-पर्वत, ग्रह-नक्षत्र, अग्नि-वायु सहित प्रकृति के विविध रूपों को देवी-देवता के रूप में स्थापित किया गया है। उन्होंने काह कि पर्यावरण है, तभी हम है। पर्यावरण से हम है, हमसे पर्यावरण नहीं। यह बात हर आदमी को समझना होगा। डॉ0 प्रभात दास फाउण्डेशन द्वारा विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर एमकेपी विद्यापति उच्च विद्यालय परिसर में ‘कैसे बचायें, अपना पर्यावरण’ विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता सह वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राणी जगत वायु मंडल में मौजूद जिस आॅक्सिजन के जरिए जीवित रहते हैं उसे पेड़-पौधे उत्पन्न करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य मो0 मकसुद आलम ने की। उन्होंने कहा कि हमने प्रकृति पदत्त संसाधनों का स्वरूप बिगाड़ दिया है। इस मौके पर वरीय शिक्षक सुनील कुमार और फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने भी विचार रखे। भाषण प्रतियोगिता में तुलसी कुमारी-प्रथम, दीपा कुमारी-द्वितीय और मुस्कान कुमारी तृतीय स्थान पर रही।
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