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गुलामी के कारण माइक्रोवेब की खोज करने वाले बसु को नहीं दिया श्रेय : मानस बिहारी

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#citypostlive दरभंगा : वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा ने आज यहां कहा कि मारकोनी से पहले माइक्रोवेब की खोज वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने की थी। लेकिन उस समय के शासक अंग्रेजों की भारत विरोधी नीति के चलते उन्हें इसका श्रेय नहीं मिला। उन्होंने इसी भेद-भाव के कारण प्रेसिडेन्सी कॉलेज, कलकत्ता में वेतन का बहिष्कार किया था। वह पहले दर्जे के स्वाभिमानी देशभक्त थे। श्री वर्मा एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा में आईक्यूएसी और वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु की स्मृति में विश्व विज्ञान दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित देश में ज्ञान का निर्वाध रूप से संचरण होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. विद्यानाथ झा ने कहा कि वर्ल्ड नेचुरल डेमोके्रसी द्वारा विश्व नागरिकता से विज्ञान के संबंध में चर्चा हुई है जो एक अच्छी बात है। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक और रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि आज सियाचीन ग्लेशियर में मरने वाले भारत और पाकिस्तान के निर्दोश जवान है। आपसी सहभागिता को बढ़ाकर इस अंतरद्वंद को रोका जा सकता है। इस मौके पर ओरियंटल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 जी एम अंसारी, आईक्यूएसी के संयोजक डॉ0 मो0 शौकत अंसारी, डब्ल्युएनडी के संस्थापक व लेखक जावेद अब्दुल्लाह ने विचार व्यक्त किये। वहीं इस अवसर पर 20 महाविद्यालयों के प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ0 ऋषिकेश कुमार, डॉ0 एम एम आर नोमानी, डॉ0 शहनाज जमील, डॉ0 उषा चौधरी, अमिता, मंजू चतुर्वेदी, डॉ0 विभूतिशेखर लाल दास, लोकनाथ झा, डॉ0 गणेश कान्त झा, डॉ0 विभा झा, डॉ0 मीनू कुमारी, डॉ0 रेणु कर्ण, डॉ0 रमेश झा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन फवाद गजाली ने किया।

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