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झामुमो और कांग्रेस का मोहरा मत बनिए, काम पर वापस लौटिए : भाजपा

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झामुमो और कांग्रेस का मोहरा मत बनिए, काम पर वापस लौटिए : भाजपा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पारा शिक्षकों से अपील की कि वे काम पर लौट जाए और राजनीतिक दलों का मोहरा नहीं बने। शाहदेव ने कहा कि 26 जनवरी, 15 अगस्त और राजकीय समारोह के दिन पत्थरबाजी करना और काले झंडे दिखाना आतंकवादी और उग्रवादी जैसी घटनाओं के समान है और पारा शिक्षकों को राजनीतिक दलों के चढ़ाने पर इस तरह की हरकते नहीं करनी चाहिए। शाहदेव मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले को बख्शा नहीं जायेगा। शाहदेव ने कहा कि राजनीतिक दल सिर्फ अपने फायदे के लिए पारा शिक्षकों का उपयोग कर रहे हैं जबकि उन्होंने अपने कार्यकाल में उनके हित की सुधि नहीं ली। सिर्फ भाजपा की सरकार ने समय-समय पर उनके मानदेय और सर्विस कंडीशन में सुधार किया।
शाहदेव ने कहा 15 नवंबर के दिन हुआ प्रदर्शन भगवान बिरसा मुंडा का अपमान है और विपक्ष ने भी इस अपमान में अपनी सहभागिता दिखाकर भगवान बिरसा मुंडा के प्रति अपनी सोच को जगजाहिर कर दिया है। भाजपा यह पूछना चाहती है कि जिन लोगों ने स्थापना दिवस पर हंगामा किया, पत्थर चलाया अगर उनके घर जन्मदिन या शादी का समारोह चल रहा हो और दूसरे लोग ऐसे ही हंगामा करे तो उन्हें कैसा लगेगा। क्या उन्हें मंजूर होगा। शाहदेव ने कहा भाजपा की सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। शाहदेव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के द्वारा एसीबी में मामला दर्ज कराने की घटना को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक सर्कस है ।राहुल गांधी उसके रिंग मास्टर हैं और अजय कुमार एक जोकर की भूमिका में है। डॉ अजय कुमार भीड़ जुटाने के लिए तमाशेबाजी करते हैं । उल जुलूल हरकतें करते हैं। राज्य की जनता उन्हें सीरियसली नहीं लेती है । शाहदेव ने कहा कि जब लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे तो वह अक्सर कहा करते थे कि डॉक्टर अजय कुमार आईपीएस का मतलब इरानी पुलिस सर्विस समझते हैं। मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का विकास देखकर कांग्रेस- झामुमो डर गया है और विकास बाधित करने के लिए पारा शिक्षकों को राजनीतिक मोहरा बना रहा है। स्थापना दिवस पर हंगामा करवा कर विपक्ष ने बिरसा मुंडा, राज्यपाल और जनता का अपमान किया है। पारा शिक्षक कांग्रेस-झामुमो की चाल को समझें और छात्रों के हित में अपना आंदोलन वापस लें। झारखंड आंदोलन की सौदेबाजी करने वाली कांग्रेस-झामुमो कभी भी राज्य और पारा शिक्षकों की हितैषी नहीं हो सकती। प्रभाकर ने कहा कि पारा शिक्षकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब विपक्ष सत्ता में था तो उसने पारा शिक्षकों की कोई सुध नहीं ली, जबकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पारा शिक्षकों के हित के लिए कई निर्णय लिए हैं, जिनमें सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष करना, 50 प्रतिशत आरक्षण, मातृत्व अवकाश, आकस्मिक अवकाश, सामान्य अवकाश आदि का प्रावधान करना, उनके वेतनमान में वृद्धि करना। आज भी झारखंड सरकार पारा शिक्षकों की जायज मांगों के प्रति गंभीर है और कई मांगों को पूरा भी किया जा चुका है। लेकिन जो मांग संवैधानिक रूप से उचित नहीं है उन पर विचार करना संभव नहीं है। हिंसा के रास्ते पर चलकर समाधान नहीं मिल सकता। प्रभाकर ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड तेजी से विकास के पायदान पर ऊपर जा रहा है और नीति आयोग ने भी विकास वृद्धि दर में पूरे देश में झारखंड को दूसरे स्थान पर रखा है। प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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