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लोगों के निशाने पर आ गये नीतीश सरकार के दो मंत्री , सीतामढ़ी व वैशाली में विरोध

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लोगों के निशाने पर आ गये नीतीश सरकार के दो मंत्री , सीतामढ़ी व वैशाली में विरोध

सिटी पोस्ट लाइव :चुनावी साल शुरू हो गया है .इसके साथ ही सत्ताधारी दलों के नेताओं की चुनौती बढ़ गई है.बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री तो सवर्ण सेना के निशाने पर हैं ही अब नीतीश सरकार के मंत्री भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं. रविवार को बिहार सरकार के दो मंत्रियों को बेआबरू होना पड़ा. सीतामढ़ी में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम का लोगों ने जमकर विरोध किया. उनका घेराव कर सरकार विरोधी नारे लगाए और मंत्री को भागने के लिए मजबूर कर दिया. सीतामढ़ी में रविवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम गए हुए थे. वहां मंत्री के काफिले को आक्रोशित लोगों ने घेर लिया और काला झंडा दिखाया. लोग इतने गुस्से में थे कि मंत्री को भागना पड़ा. लोगों के अनुसार  सीतामढ़ी में पिछले दिनों कईबार सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की गई.लोगों को इस अल्पसंख्यक मंत्री से बहुत उम्मीद थी. लेकिन वो उनकी मदद के लिए नहीं आये. फिर क्या था लोगों ने आज मंत्री के सामने अपने गुस्से का इजहार कर दिया.

नीतीश सरकार के दूसरे मंत्री श्रवण कुमार को वैशाली में स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार रविवार को वैशाली के पुष्करणी पोखर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे. जैसे ही मंत्री वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका विरोध शुरू कर दिया.ग्रामीणों का कहना था-‘ विकास नहीं तो नेताओं को सम्मान नहीं’. स्थानीय लोग अभिषेक पुष्करणी पोखर की सफाई नहीं होने से नाराज थे. उनका कहना था कि पोखर की सफाई नहीं होने से उनको घर में छठ पूजा करनी पड़ी.उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी कि  छठ पूजा के मौके पर भी सरकार ने पोखर की साफ़ सफाई की व्यवस्था नहीं की.

 नाराज ग्रामीणों ने पहले मंत्री श्रवण कुमार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों का विरोध बढ़ता गया और नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगने लगे. मंत्री श्रवण कुमार किसी तरह से वहां से निकल कर भागे.मंत्री भागे तो लोगों ने स्थानीय जदयू विधायक राजकिशोर सिंह को घेर लिया. उन्होंने विधायक के सामने सवालों की बौछार शुरू कर दी- पुष्करणी पोखर की सफाई क्यों नहीं की गयी ? छठ पूजा को लेकरसरकार गंभीर क्यों नहीं थी ? क्या इस गन्दगी के अम्बार के बीच  भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण उचित हा, वगैरह वगैरह.

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