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कुशवाहा से महागठबंधन के नेताओं की बातचीत बंद, कहा- पहले NDA छोडिये

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कुशवाहा से महागठबंधन के नेता नहीं कर रहे बातचीत, कहा- पहले NDA छोडिये

सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने BJP को तो 30 नवम्बर तक का अल्टीमेटम देकर अपने लिए 10 का समय RJD से बातचीत के लिए निकाल लिया है. लेकिन अब RJD और CONGRESS उपेन्द्र कुशवाहा से बातचीत को ही तैयार नहीं है. उपेन्द्र कुशवाहा को NDA से बाहर कर दिए जाने की खबर पर एक सोंची समझी रणनीति के तहत महागठबंधन के नेताओं ने चुप्पी साध ली है. उनका कहना है कि महागठबंधन का डर दिखाकर वो उपेन्द्र कुशवाहा को BJP के साथ बार्गेन नहीं करना देना चाहते. तेजस्वी यादव ने चुप्पी साध ली है. एकबार भी नहीं कहा- ‘उपेन्द्र जी चिंता मत करिए-महागठबंधन है ना”.अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने साफ़ कर दिया है कि जबतक उपेन्द्र कुशवाहा NDA को छोड़ेगें नहीं, तबतक उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी.

उपेंद्र कुशवाहा ने ये संकेत तो दे दिया है कि वो एनडीए से अलग हो सकते हैं. लेकिन महागठबंधन के नेता इसे काफी नहीं मानते. उनका कहना है कि एकसाथ दो नावों की सवारी नहीं हो सकती. उनसे सीटों को लेकर तभी बातचीत होगी जब वो NDA को छोड़ देने का एलान करेगें. दरअसल, महागठबंधन के नेताओं को अब लगने लगा है कि महागठबंधन का डर दिखाकर उपेन्द्र कुशवाहा BJP के साथ सौदेबाजी कर रहे हैं. इसलिए उनके साथ तबतक बातचीत नहीं करने का फैसला ले लिया है जबतक कि वो BJP को छोड़ देने का एलान नहीं कर देते. ऐसे में ज्यादा तेज बन्ने के चक्कर में उपेन्द्र कुशवाहा बुरे फंस गए हैं.इस बीच, उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि जब तक वह एनडीए से नाता नहीं तोड़ेंगे तब तक महागठबंधन में शामिल नहीं होने को लेकर बातचीत संभव नहीं.

गौरतलब है कि पटना में शनिवार को आरएलएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीट शेयरिंग पर अंतिम बात होने तक वे एनडीए में रहेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कई बार मिलने की कोशिश की है. लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है. अगर जरूरत पड़ी तो वे प्रधानमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने खुलकर कहा कि बीजेपी के दो सीटों के प्रस्ताव को वे रिजेक्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए सीटों को लेकर जल्द फैसला ले वरना 30 नवंबर के बाद कोई भी फैसला लेने के लिए वे स्वतंत्र होंगे. उन्होंने कहा कि वे अब अपनी ओर से प्रयास नहीं करेंगे. सिर्फ पीएम से मिलकर अपनी बात रखेंगे.

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