‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हो चूका है लोक आस्था का महापर्व छठ का अनुष्ठान
सिटी पोस्ट लाइव : लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत आज रविवार की सुबह ‘नहाय-खाय’ के साथ हो चुकी है. पटना के गंगा घाटों पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. स्नान करने का बाद महिलाएं भगवान सूर्य की पूजा अर्चना भी कर रही हैं. इस दौरान छठ के गीत भी गा रही हैं.पूरा गंगा घाट भक्ति के रंग में पूरी तरह से रंग गया है. पहले दिन छठ व्रत करने वाले पुरुषों और महिलाओं ने अंत:करण की शुद्घि के लिए नदियों, तालाबों और विभिन्न जलाशयों में स्नान करते हैं. इसके बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने की मान्यता है.
‘नहाय-खाय’ के अवसर पर चारों ओर छठ के गीत गूंज रहे हैं. व्रतियों द्वारा गाए जा रहे छठ के गीत से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. पटना की सड़कों और बाजारों में भी रौनक है. टोकरी, सूप, नारियल, ईख समेत फलों की बिक्री के लिए दुकानों पर भीड़ लगी है. लोग दुकानों में घी, गुड़, गेहूं और अरबा चावल की खरीदारी कर रहे हैं.परिवार की समृद्धि और कष्टों के निवारण के लिए इस महापर्व के दूसरे दिन सोमवार को छठ व्रती दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर ‘खरना’ करेंगे. इस दौरान वे भगवान भास्कर की पूजा करेंगे और बाद में दूध और गुड़ से बने खीर का प्रसाद सिर्फ एक बार खाएंगे. जब तक चांद नजर आएगा, तब तक ही जल ग्रहण कर सकेंगे और इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा.
पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को छठ व्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंच कर डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. पर्व के चौथे और अंतिम दिन बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रतियों का व्रत समाप्त हो जाएगा. इसके बाद वे फिर अन्न-जल ग्रहण कर करेंगे जिसे ‘पारण’ कहते हैं.
छठ के दौरान पटना के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में छठव्रती अपने परिजनों के साथ आते हैं. इस दौरान कहीं कोई घटना न हो इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी ओर से तमाम तैयारियां की हैं. NDRF और SDRF की टीमें भी लगातार अपने बोटों के माध्यम से गंगा में मूवमेंट कर रही हैं.
Comments are closed.