बदहवास BJP की भगवान राम पर राजनीति शर्मनाक है, दंगा कराने में है इसे महारथ
सिटी पोस्ट लाइव : लोक सभा चुनाव की आहात के साथ ही राम मंदिर का मुद्दा जोरशोर से बीजेपी उठाने लगी है. बीजेपी के नेता मंत्री सभी राम मंदिर को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए दिख रहे हैं. विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर हमलावर है. आरजेडी के राष्ट्रिय महासचिव शिवानंद तिवारी ने राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि बदहवास बीजेपी जिस प्रकार भगवान राम को कीचड़ में घसीट रही है वह शर्मनाक है.
शिवानंद ने कहा कि जनता के बीच जाकर अपने काम के बल पर वोट मांगने का इनको साहस नहीं है. ऐसा कोई काम इन्होंने किया ही नहीं है जिसको दिखाकर दुबारा सत्ता में जाने का समर्थन ये जनता से मांग सकें. इसलिए विधर्मी लोग राम मंदिर और हिंदू धर्म के नाम पर वोट पाना चाहते हैं. लेकिन जनता के सामने इनकी पोल खुल चुकी है. देश की जनता के मुड का अंदाज़ा अभी कर्नाटक के उपचुनाव में लगा है. इस नतीजे से इनकी बेचैनी और बढ़ गई है.
तिवारी ने बीजेपी पर जगह-जगह सांप्रदायिक दंगा कराकर वोट हासिल करने की साजिश रचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के काम में इन लोगों को विशेषज्ञता हासिल हैं. इसलिए जो भी इन देशद्रोहियों को देश हित में सत्ता से बेदख़ल करना चाहते हैं उनका कर्त्तव्य है कि जगे रहें. सतर्क रहें. और इनकी साज़िश को सफल नहीं होने दें.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्वनी चुबे लगातार राम मंदिर के निर्माण को लेकर बयान दे रहे हैं. गिरिराज सिंह ने फिर कहा है कि राम मंदिर को लेकर सवा सौ करोड़ लोगों में व्याकुलता है. इसलिए इस पर कोर्ट और सरकार को विचार करने की जरूरत है. गिरिराज सिंह ने कहा कि राम मंदिर का अध्यादेश राज्य सभा सदस्य राकेश सिंहा प्राइवेट बिल को लेकर आ रहे हैं. इसमें सौ करोड़ हिन्दुओं का सम्मान है. इसलिए राम मंदिर बनाने से कोई नहीं रोक सकता.
गौरतलब है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान पहले ही दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि मस्जिद तो कहीं भी बन सकता है. लेकिन, राम मंदिर कहीं और नहीं बन सकता है. मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द अयोध्या मामले पर सुनवाई कर फैसला दे, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं से जुड़ा है.. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट आधी रात में कर्नाटक सरकार से जुड़े फैसले कर सकती है, समलैंगिकों पर फैसला कर सकती है तो फिर राम मंदिर का मामला वर्षों से अदालत में क्यों लटका है.
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