जानें क्यों मनाया जाता है भाई दूज और क्या है इस बार का शुभ मुहूर्त
सिटी पोस्ट लाइव : दीवाली के दो दिन बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई-बहन का पवित्र त्योहार भैया दूज को हर्षोउल्लास से मनाया जाता है। शुक्ल पक्ष के द्वितीया को मनाये जाने के कारण इसे भरद्वितीया भी कहतें हैं। ये त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगती हैं और भाई भी अपनी बहनों को भेंट स्वरूप कुछ न कुछ देते हैं। इस बार भैया दूज का त्योहार कल यानी 9 नवम्बर शुक्रवार को है। इस दिन सभी बहने अपने भाई के लिए थाली सजाती हैं जिसमे रोली, मोली, चावल, मिठाई, नारियल और घी का दिया रखती हैं और भाई को रोली चावल का टीका लगाकर मिठाई खिलाती हैं।
भाई भी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है, साथ ही कुछ उपहार भी देता है। ये त्योहार भी भाई-बहन के बीच के प्यार और सम्मान को बढ़ाता है। हर त्योहार की तरह इस त्योहार को भी शुभ मुहूर्त में मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस बार भैया दूज पर शुभ मुहूर्त सुबह 6:39 से 10:43 तक और दोपहर 12:04 से 1:26 तक है।अगर सुबह के समय कोई बहन अपने भाई को टीका नही लगा पाति तो शाम के समय भी ये इस त्योहार को कर सकते है। शाम को 4:09 से 5:30 तक और रात को 8:47 से 10:26 तक शुभ मुहूर्त है।
नई दिल्ली से आशुतोष झा की रिपोर्ट
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