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BJP नेता संजय पासवान ने 175 सिपाहियों की बर्खास्तगी पर उठाया सवाल

कहा- मुझे आशंका है कि महिला पुलिसकर्मियों को यातना दी जाती थी जिसके कारण भड़का आक्रोश

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BJP नेता संजय पासवान ने 175 सिपाहियों की बर्खास्तगी पर उठाया सवाल

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में एक महिला पुलिस कांस्टेबल की मौत के बाद से पुलिस विद्रोह की घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय ने 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. लेकिन सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल उठने लगे हैं. बीजेपी के MLC संजय पासवान ने अपनी ही सरकार की इस कारवाई को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. बीजेपी विधान पार्षद संजय पासवान ने सिपाहियों की बर्खास्तगी का विरोध करते हुए कहा है कि  पुलिस लाइन में महिला पुलिसकर्मियों का हंगामा एक दिन का प्रकटीकरण नहीं है. मुझे शंका है कि महिला पुलिसकर्मियों को कहीं यातना तो नहीं दी जाती थी. यह आक्रोष उसी का प्रकटीकरण हो सकता है.

पुलिस विद्रोह की घटना के बाद हुई कार्रवाई को लेकर संजय पासवान ने कहा कि सरकार में हम साथ हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करेंगे कि इतने बड़े पैमाने पर एक साथ बर्खास्तगी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ​नीतीश सरकार को सुक्षाव देते हुए कहा कि अगर आपको करना ही है तो पहले सस्पेंड करना चाहिए. लेकिन बर्खास्तगी ही करनी है तो सही ढंग से आरोपियों की पहचान कर केवल उनकी बर्खास्तगी होनी चाहिए जो वाकई दोषी हैं. एकसाथ 175 सिपाहियों को बर्खास्त करने का मतलब तो उनके बीच दहशत पैदा करना है. अनुशासन लाठी के जोर पर नहीं बल्कि प्रेम के साथ लागू किया जाना चाहिए. इस कारवाई से अनुशासन कम आक्रोश ज्यादा भड़केगा.

पुलिस लाइन घटना पर संजय पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुझाव देते हुए कहा कि उन्हे सामाजिक और वैज्ञानिक विशेषज्ञों से इसका अध्ययन करवाना चाहिए कि आखिर हमारी पुलिस कितना स्ट्रेस में काम कर रही है. महिला सिपाही जो बीमार थी, उसे छुट्टी नहीं देने के लिए कौन जिम्मेवार है, इसका पता लगाया जाना चाहिए. सबसे पहले उसे दनित किया जाना चाहिए. एकतरफा कारवाई से बात और बिगड़ेगी.

गौरतलब है कि शुक्रवार को पटना के पुलिस लाइन में  उस समय अचानक हंगामा मच गया, जब उदयन अस्पताल में ट्रेनी महिला पुलिसकर्मी की मौत हो गयी. कहा जा रहा है कि उसे डेंगू हो गया था. उनके सहकर्मियों का आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी अपने इलाज के लिए छुट्टी मांग रही थी. लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही थी. आज उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. इसकी मौत से भड़के सिपाहियों ने जमकर बवाल मचाया. पुलिस लाइन में जमकर तोड़फोड़ की. वहां पहुंचे पुलिस अधिकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पिटा.

गौरतलब हो कि अनुशासनहीनता के आरोप में 175 पुलिस कांस्टेबल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें से क़रीब 167 वो सिपाही हैं, जिनकी अभी ट्रेनिंग ही चल रही थी. ये सभी कार्रवाई पुलिस मुख्यालय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना पुलिस लाइन में घटी घटना के मामले पर सख़्त कारवाई करने के आदेश के बाद संभव हो पाया है. इनमें 167 नवनियुक्त आरक्षी और आठ सिपाही शामिल हैं. 23 पुलिसकर्मियों को लापरवाही पर निलंबित भी किया गया है.

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