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पुलिस विद्रोह को लेकर विपक्ष के साथ-साथ अपनों के निशाने पर नीतीश सरकार

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पुलिस विद्रोह को लेकर विपक्ष के साथ साथ अपनों के निशाने पर नीतीश सरकार

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना में आज महिला सिपाही की डेंगू से मौत के सिपाहियों द्वारा मचाये जाने की घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इस सिपाही विद्रोह की घटना को लेकर राजनीति गरमा गई है. इस सिपाही विद्रोह के बहाने विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. सिपाहियों के विद्रोह को लेकर नीतीश सरकार चौतरफा आलोचना झेल रही है. इस मामले में एक ओर जहां बिहार कांग्रेस और राजद ने नीतीश सरकार को घेरा है तो वहीं अब बीजेपी ने भी अपनी ही सरकार पर हमला किया है. बीजेपी के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू इस पूरे मामले को जातीये समीकरण का साइड इफैक्ट बताया है.

पुलिस में सिपाही विद्रोह की इस घटना को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला किया है. पटना में पुलिस लाइन में हुए सिपाहियों के विरोध को लेकर तेजस्वी ने बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर हमला किया है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार को सीट शेयरिंग में लगे रहने और बिहार पर ध्यान न देने का आरोप लगाया है.तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर हमला करते हुए बिहार के हलातो को लेकर अपने ट्वीट में लिखा कि यहां कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है.

हे भगवान! ये क्या हो रहा है बिहार में? बिहार के गृहमंत्री नीतीश कुमार सीट शेयरिंग में व्यस्त है। और पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने की बजाय आपस में ही झगड़ रही है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ठीक ही कहा है,” बिहार के हालात भयावह और डरवाने है”। All is not Well “

बिहार पुलिस के विद्रोल को लेकर बीजेंपी ने निशाना साधा है. बीजेपी के नेता बाढ़ से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इस पूरे मामले को पुलिस की गुंडागर्दी करार दिया है. उन्होंने सरकार पर नकाबिल लोगों को ADG, AGP बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि,ऐसी नियुक्तियों से यही परिणाम होगा.उन्होंने सरकार पर पुलिस नियुक्तियो में जातीय समीकरण के अधार पर अधिकारियों का चुनाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ये जो कुछ भी आज हुआ है ये जातीय समीकरण का ही साइड इफैक्ट है. बीजेपी नेता ने कहा कि अफसरों के पदो पर को काबिल और इमानदार अफसरों को ही मौका देना चाहिए.

बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा ने नीतीश सरकार पर इस पूरे मामले में जवाब देने की मांग करते हुए इस सिपाही विरोध की तुलना 1857 के सिपाही विद्रोह से कर दिया है. उन्होंने  कहा कि इस घटना ने अंग्रेजों के दौर की याद दिला दी.

गौरतलब हो कि आज शुक्रवार की सुबह उस समय अचानक हंगामा मच गया, जब उदयन अस्पताल में ट्रेनी महिला पुलिसकर्मी की मौत हो गयी. कहा जा रहा है कि उसे डेंगू हो गया था. उनके सहकर्मियों का आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी अपने इलाज के लिए छुट्टी मांग रही थी. लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही थी. आज उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. इस घटना के बाद महिला पुलिसकर्मियों को गुस्सा फूट पड़ा.

अपनी महिला साथी की मौत की खबर सुनकर ट्रेनी पुलिसकर्मियों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया . वे  भूल गये कि उन पर सुरक्षा की बड़ी जिम्मेवारी है. उन्होंने  अपने सीनियर अधिकारियों पर हाथ ही नहीं छोड़ा, बल्कि सरकारी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया. हालात तब और बिगड़ गये, जब ट्रेनी पुलिसकर्मी पब्लिक पर भी पथराव करने लगे.

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