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कॉलेजों पर कसा राजभवन का शिकंजा, नियमों की अनदेखी पर रद्द होगा एफिलिएशन

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कॉलेजों पर कसा राजभवन का शिकंजा, नियमों की अनदेखी पर रद्द होगा एफिलिएशन

सिटी पोस्ट लाइव : नियमों का पालन न करने वाले संबद्ध कॉलेजों के खिलाफ अब कारवाई की तैयारी चल रही है. विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों को व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी किए जाने के वावजूद नियमों का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर राज भवन सख्त हो गया है.  गौरतलब है कि  संबद्ध कॉलेजों के खिलाफ  कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने पर वो कोर्ट चले जाते हैं. लेकिन अब राज भवन ने उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की ठान ली है.

इसबार राज भवन किसी प्रकार के  दबाव में आने को तैयार नहीं है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर  मनमाने तरीके से कॉलेज का संचालन करने वाले कॉलेजों के खिलाफ राज भवन कारवाई की तैयारी कर चूका है. राजभवन ने भी साफ कर दिया है कि नियमों का पालन न करने वाले संबद्ध कॉलेजों की संबद्धता वापस ली जाएगी. इस मामले में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को 30 अक्टूबर तक एक्शन टेकेन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था. अब राजभवन को इस संबंध में विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट आने लगी है. गड़बड़ी करने वाले कॉलेजों को नोटिस जारी कर कारण पूछा गया है.

विश्वविद्यालयों की ओर से पूर्व में कराई गई जांच रिपोर्ट में उजागर हुआ था कि काफी संख्या में संबद्ध कॉलेजों में शिक्षक-छात्र अनुपात गड़बड़ है. कई संकायों में शिक्षकों की संख्या अधिक है. संबद्ध कॉलेजों ने मनमुताबिक तरीके से स्वीकृत पदों से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति कर रखी है. अतिथि शिक्षकों के मामले में भी उनके यहां की स्थिति स्पष्ट नहीं है. एफिलिएटेड कॉलेजों में छात्र सुविधाओं का भी अभाव का मामला सामने आया है. खेल के मैदान, कॉमन रूम, लाइब्रेरी व प्रयोगशाला की सुविधाओं का भी अभाव कई स्थानों पर पाया गया है. संबंधन हासिल करने के समय जिस प्रकार की सुविधाओं की बात कॉलेजों की ओर से की गई थी, उसमें भी कमी पाई गई है. अब ऐसे कालेजों के खिलाफ राजभवन ने कारवाई का मन बना लिया है. विश्वविद्यालयों की ओर से इन कॉलेजों के एडमिशन प्रोसेस की भी जानकारी ली जा रही है. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई गई तो एडमिशन की पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा.

राज भवन सूत्रों के अनुसार नियमों का पालन न करने वाले एफिलिएटेड कॉलेजों के ग्रांट भी रोकने का फैसला लिया जा सकता है. राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को निर्देश जारी किया है कि अगर जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई जाती है तो तत्काल इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन इन कॉलेजों के खिलाफ ग्रांट रोकने की अनुशंसा भी सरकार से कर सकती है. कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टंडन ने भी बीएड कॉलेजों को किसी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है. पूर्व कुलाधिपति सत्यपाल मलिक के कार्यकाल में बीएड कॉलेजों की स्थिति में सुधार के लिए जितने कार्यक्रम शुरू किए गए थे अब उनकी समीक्षा होगी. बीएड कॉलेजों की जांच के लिए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किया गया है. विश्वविद्यालयों से एक्शन टेकेन रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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