हर बार दारोगा बहाली की प्रक्रिया पर लग जाता है ग्रहण, इसबार क्या हुआ जानिए
सिटी पोस्ट लाइव : 9 साल पहले हुई दारोगा की परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को इस महीने जाकर सेवा में योगदान देने का मौका मिला है. पिछले 9 साल कोर्ट का चक्कर लगाने के बाद अब उन्हें उन्हें नौकरी मिली है. इसबार भी दारोगा की परीक्षा में धांधली की शिकायत को लेकर दारोगा पद पर नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है. दारोगा के लिए आयोजित मुख्य परीक्षा को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. दरअसल इस बहाली में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को देखते हुए 200 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
पटना हाईकोर्ट ने अब बिहार पुलिस अवर सेवा भर्ती आयोग को नए सिरे से मुख्य परीक्षा का परिणाम प्रकाशित करने का आदेश दिया है. याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों ने जो-जो आरोप लगाए थे उसे न्यायाधीश शिवजी पांडेय की अदालत ने सही पाया. कोर्ट ने साफ तौर से कहा कि परीक्षा के परिणाम में नियमों का पालन नहीं किया गया है रिजल्ट निकालने में गड़बड़ी की गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कह दिया कि अब यह आवश्यक हो गया कि मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को ‘रिकास्ट’ किया जाए अर्थात जो पहले रिजल्ट निकाले गए हैं, वह मान्य नहीं हैं.
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया था कि मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और महिला कोटे की सीट पुरुषों को आवंटित कर दिया गया. इसके अलावा रोस्टर एवं आरक्षण का पालन नहीं किया गया था. वकील ने कोर्ट को बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा आरटीआई के माध्यम से उत्तर पुस्तिका मांगे जाने पर नहीं उपलब्ध कराई गई. मालूम हो कि पांच सितम्बर को हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दिया था. अब कोर्ट ने जिन बातों का ध्यान रखने का आदेश दिया है, उनमें उत्तर पुस्तिका से लेकर मेरिट लिस्ट और आरक्षण के नियमों का पालन करने तक की बातें शामिल हैं.
गौरतलब है बिहार में दारोगा भर्ती की मुख्य परीक्षा में 10,161 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. इन्ही में से इंटरव्यू के आधार पर 1,717 अभ्यर्थियों का चयन किया जाना था. मुख्य परीक्षा 22 जुलाई 2018 को हुई थी, जिसमें 29,359 अभ्यर्थी शामिल थे. इनमें से 10,161 को मुख्य परीक्षा में सफल घोषित किया गया था.
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