बिहार के सरकारी अस्पताल, बच्चे चूहे, सुअर- कुतों और चिट्टियों के बन रहे निवाला
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के सरकारी अस्पतालों में ईलाज कराना खासतौर पर बच्चों के लिए ईलाज के लिए भर्ती करना खतरे से खली नहीं. बिहार सरकार के अस्पतालों में नवजात शिशु चूहों और सुवरों के निवाले बन जा रहे हैं. बच्चे कहीं सूअर का निवाला बन रहे हैं तो कहीं चूहों व चीटिंयों के शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती एक नवजात की मौत का है. परिजनों का आरोप है कि बीमार बच्चे को चूहे काट रहे थे जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार मधुबनी जिले के सकरी थाना क्षेत्र के नजरा गांव निवासी फिरन चौपाल की पत्नी नीलम चौपाल ने 10 दिनों पूर्व एक बच्चे को जन्म दिया था. सोमवार दोपहर दो बजे वे लोग बच्चे को लेकर डीएमसीएच पहुंचे. उसे शिशु रोग विभाग के नीओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया. रात एक बजे तक नवजात की हालत ठीक थी. सुबह पांच बजे जब बच्चे को देखने गए तो पाया कि उसके हाथ एवं पांव को चूहा कुतर रहा था. वहां कोई नर्स एवं कंपाउंडर नहीं थे. नर्स को बाहर से बुलाया तो कहा कि बच्चा मर गया है.
उधर, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. केएन मिश्रा का कहा कि नवजात के शरीर पर चूहा के काटने का निशान नहीं मिला है. उसके हाथ-पांव पर इंट्राकैथ के निशान मिले. ब्लड की जांच के लिए नमूना लिया गया था, उसका ही निशान मिला. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी चूहा काटने के आरोप को गलत बता रहे हैं. उनके अनुसार बच्चे की मौत मल्टीऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई है.
दूसरा मामला रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के सदर अस्पताल से सामने आया है.यहाँ पोस्टमार्टम हाउस के पास पड़े एक नवजात के शव को चींटियां खा रहीं थीं. घटना की सूचना पर पहुंची मॉडल थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया.घटना की बाबत अस्पताल प्रशासन ने कहा कि शव किसने फेंका यह जानकारी उसे नहीं है. पोस्टमॉर्टम कक्ष के आसपास पुलिस की भी ड्यूटी नहीं लगी है. दूसरी ओर पुलिस अनुसंधान के पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच गई है.मॉडल थानाध्यक्ष शाहिद आलम ने बताया कि शव को अस्पताल के बाहर के किसी व्यक्ति ने लाकर फेंका था.
एक सप्ताह पहले बीते बुधवार को ही सहरसा सदर अस्पताल परिसर में एक झाड़ी से नवजात का शव लेकर सूअर मुंह में दबाकर भागते हुए देखा गया था. जैसे ही लोगों की उसपर नजर पड़ी, लोग शव को सूअर से छुड़ाने की कोशिश करने लगे. लेकिन वे नाकामयाब रहे.लोगों की नज़रों के सामने सूअर शव को नोंचकर खा गया. लोगों के अनुसार बच्चे का जन्म अस्पताल में ही हुआ होगा. बच्चे के मरा पैदा होने या फिर लड़की होने के कारण उसे जिंदा ही अस्पताल परिसर में ही फेंक दिया गया होगा.
सदर अस्पताल सुधार संघर्ष समिति के मंजीत कुमार सिंह ने बताया कि नवजात को अस्पताल परिसर में फेंकना और सूअर द्वारा नोंचकर खाना लापरवाही को दर्शाता है. अस्पताल में 24 घंटे पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. ऐसे में यह घटना शर्मसार कर देनेवाली है.
बक्सर में भी अस्पताल में लापरवाही का एक और मामला सामने हाल ही में आया है. बक्सर सदर अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन कर काटा पैर अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर से कुत्ता लेकर भाग गया था. दरअसल बक्सर रेलवे स्टेशन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस पर चढऩे के दौरान घायल हुए एक व्यक्ति को राजकीय रेल थाना पुलिस ने सदर अस्पताल पहुंचाया था, जहां उसका इलाज चल रहा था. बुरी तरह जख्मी होने के कारण उनका एक पैर काटना पड़ा. इसी दौरान बाहर से पहुंचे कुत्ते ने पैर को उठा लिया और भाग खड़ा हुआ. बाद में इलाज के दौरान घायल व्यक्ति की मौत भी हो गई.
Comments are closed.