NDA में मनमाफिक समझौता नहीं होने पर RJD के साथ जाने का नागमणि का ऐलान
सिटी पोस्ट लाइव : एनडीए में सीटों के बटवारे को लेकर घमाशान मचा हुआ है. नई दिल्ली में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ईशारे ईशारे में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जो फायदा एनडीए को हुआ उसका लाभ उन्हें कभी नहीं मिला लेकिन उनसे नुकशान सहने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि लाभ घाटे दोनों का बटवारा होना चाहिए. उपेन्द्र कुशवाहा ने दिल्ली में बीजेपी पर दबाव बनाया वहीं पटना में इधर उनकी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि एनडीए में वो सत्यनारायण भगवान की पूजा का प्रसाद खाने नहीं आये हैं. उन्होंने कहा कि रालोसपा के पास बिहार में दस प्रतिशत वोट है . नीतीश कुमार से अधिक ताकतवर हैं उपेन्द्र कुशवाहा . इसलिए उन्हें सत्यनारायण कथा का प्रसाद नहीं बल्कि खीर और चिकन बिरयानी चाहिए.
नागमणि ने आज साफ़ कर दिया कि दो सीटों की बात तो दूर तीन सीटों पर भी एनडीए के साथ उनकी पार्टी समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा बिहार में कुशवाहा जाति के सभी नेता अब रालोसपा में ही हैं . कुशवाहा का एक – एक वोट रालोसपा को ही मिलेगा . दावे के साथ बोले कि जिधर रालोसपा होगी, बिहार में जीत उधर ही होगी . इसलिए ज्यादा सीटों पर रालोसपा की दावेदारी बनती है.नीतीश कुमार पर छल-प्रपंच करने का आरोप लगाते हुए नागमणि ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले बिहार कैबिनेट में रालोसपा को जगह नहीं दी . नागमणि ने कहा कि उनकी पार्टी को सरकार में भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए और साथ ही उनकी सीटें भी बढ़नी चाहिए तभी समझौता होगा. उन्होंने कहा कि जहानाबाद उप चुनाव के वक्त रालोसपा की सीट जेडीयू ने छीन ली . यह सब अब नहीं चलने वाला है .
नागमणि ने कहा कि एनडीए से बात नहीं बनी तो रालोसपा के सभी रास्ते खुले हैं . महागठबंधन में भी उनकी पार्टी शामिल हो सकती है. नीतीश कुमार ने कब पाला नहीं बदला . समय पर पोलिटिकल पार्टियां अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए क्या नहीं करती है .फिर उनकी पार्टी क्यों महागठबंधन के साथ नहीं जा सकती.रालोसपा नेता ने कहा कि लोक सभा चुनाव वे अकेले नहीं, उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा भी लड़ेंगीं . नागमणि खुद चतरा से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि पत्नी को जहानाबाद से लड़ाने की तैयारी है.गौरतलब है कि इन्हीं दो सीटों को लेकर आरजेडी के साथ होनेवाले समझौते में पेंच फंसा हुआ है. अगर आरजेडी ये दो सीटें छोड़ने को तैयार हो जाता है तो उपेन्द्र कुशवाहा किधर भी जाएँ, नागमणि महागठबंधन के साथ जरुर चले जायेगें.
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