महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फंसे पेंच को सुलझाने के लिए मांझी का नया फ़ॉर्मूला
सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर बिहार के सभी राजनीतिक दलों में कवायद तेज हो गई है. एनडीए में सीट शेयरिंग पर चुटकी लेने वाले राजनेता अब खुद अपनी पेंच को सुलझाने में जुट गए हैं. NDA के बाद अब सीटों का पेंच महागठबंधन में फंसता दिख रहा है. जहां कांग्रेस पार्टी के वरीय नेता कौकब कादरी ने पहले ही सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. वही अब जीतनराम मांझी ने इस पेंच को सही तरीके से ठीक करने के लिए नया फ़ॉर्मूला सुझाया है. हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने का फॉर्मूला दिया है.
मांझी ने कमिटी में राजद से 3, कांग्रेस से 2 और हम और वाम से 1 सदस्य को रखने की बात कही. जीतन राम मांझी ने कहा कि अगले 3-4 दिनों में कोर्डिनेशन के लिए कमिटी बन जायेगी. मांझी ने कहा कि मेरा यह फॉर्मूला सबको मान्य होना चाहिए. इस बीच सोमवार को ही जीतन राम मांझी से मिलने कांग्रेस के पूर्व मंत्री अवधेश सिंह भी उनके आवास पर पहुंचे जहां दोनों नेताओं के बीच को-ऑर्डिनेशन बनाने को लेकर वार्ता हुई. जबकि कौकब कादरी के 20-20 फार्मूले पर मांझी ने कहा कि कौकब कादरी कोई ऑथॉरिटी नहीं हैं. इस मामले में कांग्रेस का आलाकमान ही फार्मूला तय करेगा.
गौरतलब है कि कौकब कादरी ने शनिवार को पटना में कहा कि कांग्रेस बिहार में सबसे ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. साथ ही कादरी ने कहा कि राजद को पता है कि ये लोकसभा का चुनाव है और प्रधानमंत्री हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ही बनने वाले हैं. ऐसे में सीटों के बंटवारे में ज्यादा परेशानी किसी को भी नहीं होनी चाहिए. जिससे ये साफ़ जाहिर होता है कि कांग्रेस राजद को ज्यादा सीटें देना नहीं चाहती, इसलिए सीटों के बंटवारे के वक्त कोई समस्या पैदा न हो इसलिए आगाह कर चुकी है.
लेकिन इस बात ने जीतनराम मांझी को नाखुश कर दिया. जिसके कारण आज उन्होंने साफ़ लहजों में कौकब कादरी के बारे में कहा कि वो कोई ऑथॉरिटी नहीं हैं, कि जो कह दिया वो पत्थर की लकीर हो जाए. किसे कितनी सीट मिलनी है वो कांग्रेस पार्टी के आलाकमान तय करेंगे. जाहिर है कि मांझी की पार्टी को भी लोकसभा में सम्मानजनक सीटों की उम्मीद है. जिसके लिए वो इस फ़ॉर्मूले को अपनाना चाहते हैं.
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