साथ देने के लिए लोग आगे बढ़ें ताकि यह आगाज अंजाम तक जाए : सुदेश महतो
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि कोल्हान वीरों और आंदोलनकारियों की धरती रही है। यहां के सपूतों ने कई कुर्बानी दी है। लेकिन इस धरती की पीड़ा है कि अलग राज्य हासिल होने के बाद भी उन वीरों के सपने टूटते रहे हैं। इन हालात को बदलने के लिए उसूलों की लड़ाई जरूरी है। इस लड़ाई का आगाज करने के लिए वे निकले हैं। साथ देने के लिए लोग आगे बढ़ें ताकि यह आगाज अंजाम तक जाए। महतो रविवार को स्वराज स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण के दौरान कोल्हान के गोइलकेरा में पार्टी की उलगुलान सभा को संबोधित कर रहे थे। इस सभा में जेएमएम के पूर्व जिला अध्यक्ष तथा झारखंड के आंदोलनकारी बिरसा मुंडा अपने हजारों समर्थकों के साथ आजसू पार्टी में शामिल हुए। महतो ने कहा कि उलगुलान के महानायक भगवान बिरसा मुंडा के प्रति झारखंडियों के दिलों में अथाह प्रेम और स्नेह की यह पहचान है कि अब भी लोग अपने बच्चों का नाम गर्व के साथ बिरसा मुंडा रखते हैं। तब ये आवाज आपके बीच से उठनी ही चाहिए कि भगवान बिरसा ने अबुआ दिशुम अबुआ राज के लिए उलगुलान किया था, इस बेबसी और पीड़ा के लिए नहीं। उसी अबुशा दिशुम और अबुआ राज को स्थापित करने के लिए हमने स्वराज स्वाभिमान यात्रा की मुहिम छेड़ी है। यह यात्रा 29 अक्टूबर को सरायकेला पहुंचेगी।
खनिजों से भरी धरती के लोग बेबस
उन्होंने कहा कि इस इलाके का जल जंगल, और जमीन से जनम-जनम का रिश्ता रहा है। सारंडा की धरती प्रचुर खनिज संपदा और वन संपदा से परिपूर्ण है। लेकिन इस दर्द को महसूस करने की जरूरत है कि जिनकी धरती लोहा, सोना उलगती है वहां के लोग एक अदद छत, रोजी रोजगार और बुनियादी सुविधा के लिए तरसते हैं। मजदूरी करती मां की कातर निगाहें अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोच कर सिहर जाती है। तब ये पूछा जा सकता है कि इस हाल के लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं। आम आदमी सरकार बनाने की खतिर विधायक, सांसद चुन सकता है, तो जनता के नुमाइंदों से यह गारंटी भी भी लेनी पड़ेगी कि सरकारें जनता के मत से चलेगी, साहबों और सियासदां के मन से नहीं। राजनीति करने वालों का मकसद भी जनता के बीच से ही बदला जाना चाहिए, क्योंकि राजनीति का मकसद सिर्फ सत्ता हासिल करना हो गया है।
सत्ता में आम आदमी की हिस्सेदारी हो
महतो ने कहा कि सत्ता में आम आदमी की हिस्सेदारी और झारखंडी विचारधारा को स्थापित करने के लिए लोग गोलबंद हों और आवाज को असरदार बनाएं। झारखंडी जनमानस के अनुरूप एक नई लड़ाई गांव- गांव से शुरू हो। उन्हें जानकारी मिली है कि इस इलाके में लोहा का कारखाना बैठाने की कवायद हो रही है। लोगों की जमीन ली जाएगी। लेकिन जमीन देने वाले इसके लिए एकजुट रहें कि अगर जमीन ली जाएगी, तो उन्हें कारखाने का हिस्सेदार भी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, पेशन, राशन की समस्या ने झारखंड की ताकत और विचारधारा को कमजोर बनाया है। स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के पद खाली हैं। लाखों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के कौन लोग जिम्मेदार हैं यह भी तय करने की जरूरत है। वे अपनी यात्रा के साथ जहां भी जा रहे हैं लोगों के बीच आम धारणा है कि लोकसेवक दाता बन गये हैं और सत्ता के मालिक याचक। यह रिवाज बदलने के लिए एक निर्णायक लड़ाई की जरूरत है। झारखंड के आंदोलनकारियों के मान-सम्मान से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा समझौता किया है। आजसू पार्टी की नीतियों के साथ उनका संघर्ष अब और तेज होगा और इस संघर्ष में शोषित, वंचित लोगों की जमात शामिल रहेगी। उन्होंने का कि मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र परिवर्तन की एक नई कहानी लिखने के लिए तैयार है। कार्यक्रम में सिद्धार्थ महतो समेत कई आंदोलनकारी लोग शामिल थे।
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