बैंकों का विलय देश हित में नहीं, अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर : उपेंद्र कुमार
सिटी पोस्ट लाइव, धनबाद : नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (बीएमएस) के राष्ट्रीय महामंत्री उपेंद्र कुमार ने कहा कि बैंकों के विलय का निर्णय सरकार ने लिया है। यह निर्णय देश हित में नहीं है। विलय का सीधा असर केंद्र सरकार की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। रोज़गार पर असर दिखेगा। रविवार को वे विजया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन धनबाद की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय का निर्णय लिया है। संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा कि बैंक के कर्मचारियों का 11वां वेतन समझौता वर्ष 1 -1- 2017 से बकाया है। इसका भुगतान अविलंब होना चाहिए। बैंकों में वर्षों से काम कर रहे तृतीय और चतुर्थ वर्गीय बीपीएस एवं स्वीपर को नियमित किया जाये। बैंकों में महिला कर्मचारी 12 से 15 वर्षों से डेली वेजेज पर कार्य कर रही हैं। उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। उन्हें भी नियमित किया जाये। बैंकों के अंदर कार्यरत महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बननी चाहिए। बैंकों में कार्यरत ऑफिसर ग्रेड के कर्मचारियों का ट्रांसफर नियुक्ति सुनिश्चित होना चाहिए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन अप्रैल 2002 से ही रुकी हुई है, उसे नियमित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनियन के लोग स्टेक होल्डर होते हैं। सरकार किसी तरह के निर्णय लेती है तो उस पर स्टेक होल्डर की सहमति ली जानी चाहिए, पर सरकार लगातार खुद से फैसले लेकर सीधे-सीधे कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। बैंकों के विलय के बाद कर्मचारियों की नियुक्ति किस प्रकार से होगी, यह भी एक बड़ा विषय है। आज बैंकों में वेकेंसी कम हो गई है। सड़कों पर घूम रहे बेरोजगारों के लिए बैंक एक बड़ा प्लेटफार्म है। यह निर्णय उनके लिए भी चिंता का विषय है। पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान बीएमएस नेता बिंदेश्वरी प्रसाद समेत एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
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