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शिक्षक बहाली में हुए फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए शिक्षा माफिया ने जला दी है सारी फाइलें

गोपालगंज शिक्षक बहाली की जांच आगे बढ़ने से पहले ही स्वाहा हो गई बहाली की हजारों फाइलें

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शिक्षक बहाली में हुए फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए शिक्षा माफिया ने जला दी है सारी फाइलें

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर लेने का लाख दावा करे लेकिन सच्चाई ये है कि राज्य में  शिक्षा माफिया इस कदर हावी है कि पूरी व्यवस्था को ही अपने कब्जे में ले रखा है. गोपालगंज से खबर आई है कि यहाँ शिक्षा माफिया ने निगरानी की जाँच के लिए रखे गए टीईटी से संबधित हजारों फाइलों को आग के हवाले कर दिया है.शिक्षा माफिया के खिलाफ कारवाई करने की बजाय  शिक्षा विभाग के आला पदाधिकारी इस मामले की लीपापोती में जुट गए है.सूत्रों के अनुसार  बीती रात शिक्षा माफियाओ ने स्ट्रॉंग रूम में रखे शिक्षक नियोजन की फाइलों को आग को हवाले कर दिया. फिर इसे  महज एक दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई.

गोपालगंज में 2013 से हजारों टीईटी पास अभ्यर्थियों का शिक्षक नियोजन के तहत बहाली किया गया था. इस बहाली में फर्जी सर्टिफिकेट पर हजारो लोगों को नौकरी दिए जाने की शिकायत की जांच  निगरानी विभाग कर रहा था. निगरानी विभाग ने प्राइमरी जाँच में इसकी पुष्टि करने के बाद गोपालगंज शिक्षा विभाग को इसी सप्ताह में 2405 अभ्यर्थियों के सभी प्रमाण पत्र और बहाली से संबंधित सभी कागजात निगरानी विभाग के निदेशालय में जमा करने का आदेश दिया था. लेकिन उसके पहले सारी फाइलों को आग के हवाले कर दिया गया.

गौरतलब है कि फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद  सभी शिक्षकों के दस्तावेज को शिक्षा विभाग के परिसर स्थित राजकीय बुनियादी विद्द्यालय के एक कमरे को स्ट्रॉंग रूम बनाकर उसमे रखा गया था. लेकिन रविवार रात अचानक इस इसका ताला तोड़कर शिक्षक नियोजन से जुड़ी सभी फाइलों को एक जगह जमा कर उसे आग के हवाले कर दिया गया. आग की लपटों की वजह से बहाली से संंबंधित सभी फाइलें पूरी तरह नष्ट हो गईं. गोपालगंज शिक्षा विभाग के स्थापना विभाग की डीपीओ पूनम चौधरी के अनुसार जिस कमरे में सभी दस्तावेजों को रखकर सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा था उस कमरे का ताला टूटा हुआ था. सभी फाइलें आग की वजह से नष्ट हो गयी हैं. डीपीओ ने बताया की इसी माह की 10 तारीख को सभी 2405 नियोजन के फोल्डर को यहाँ रखा गया था. जिसे इसी सप्ताह में निदेशालय को पटना भेजना था. लेकिन अचानक आग लगने से सभी दस्तावेज जलकर ख़ाक हो गए हैं.

गौरतलब है कि जिले में टीईटी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर हजारों शिक्षकों की बहाली की शिकायत सामने आई थी. यहाँ जो फाइलें जलकर नष्ट हुई है उसमे फुलवरिया प्रखंड के 111 , कुचायकोट के 185 , मांझा के 186 , भोरे के 104 , थावे के 70 , विजयीपुर के 90 , बैकुंठपुर के 212 , हथुआ के 167 , गोपालगंज के 86 , बरौली के 160 , सिधवलिया के 96 , उचकागांव के 96 , कटेया के 72 और पंचदेवरी के 50 शिक्षकों के फोल्डर शामिल थे. भोरे प्रखंड के 685 नियोजित शिक्षक का सर्टिफिकेट भी था. इस तरह कुल 2405 फोल्डर यहाँ रखे गए थे जिसे साजिश के तहत आग के हवाले कर दिया गया.जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद के अनुसार  इस मामले को लेकर नगर थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल आखिर जांच अब आगे कैसे बढ़ेगी. और जांच की योजना पर पानी फेरानेवालों के खिलाफ कब कारवाई होगी?

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