सिटी पोस्ट लाइव : सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण और प्रताड़ना के आरोपों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से सोमवार को इंकार कर दिया। महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण के इन आरोपों को भारत का ‘मी टू’ अभियान कहा जा रहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस. के. कौल की पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील एम. एल. शर्मा को बताया कि इस पर सुनवाई सामान्य तरीके से होगी।
प्राथमिकियों के अलावा, याचिका में आरोप लगाने वाली महिलाओं को सहायता और सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश राष्ट्रीय महिला आयोग को देने का अनुरोध भी किया गया है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से प्रिंट, प्रकाशन और प्रोडक्शन हाउसों को यह निर्देश देने का आग्रह किया है कि वे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन करें। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में महिला अधिकार इकाई को प्रिंट और डिजिटल मीडिया संगठनों दोनों ही जगह कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं।
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