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उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से चूल्हे पर चढ़ा दी है खीर, कहा- यदुवंशियों के दूध से बनकर रहेगी खीर

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उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से चूल्हे पर चढ़ा दी है खीर, कहा- यदुवंशियों के दूध से बनकर रहेगी खीर

सिटी पोस्ट लाइव :सीटों के बटवारे को लेकर बीजेपी के भूपेंद्र यादव से मुलाक़ात के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने फिर से अपनी अधपक्की खीर को चूल्हे पर रख गरमाना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार सीटों के बटवारे को लेकर बात नहीं बनते देख कुशवाहा ने फिर से खीर पॉलिटिक्स की सियासत को हवा देना शुरू कर दिया है. रालोसपा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने एकबार फिर से यह कहकर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है कि बिहार में खीर तो बनकर रहेगी. जब यदुवंशियों से दूध मिल रहा है तो ​खीर बनने में कोई भी समस्या नहीं है.  रविवार को पटना के कुर्जी में आयोजित पार्टी के  मिलन समारोह कार्यक्रम में रालोसपा प्रमुख मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब तो पूरे बिहार में खीर बन कर रहेगी. यदुवंशियों से दूध मिल रहा है और कुशवंशियों से चावल तो खीर बनने में कोई प्रॉब्लम नहीं है. खीर तो बनकर रहेगी और इसे बनने से कोई रोक नहीं सकता है.

कुशवाहा ने कहा कि हर समाज के लोगों की भागीदारी खीर बनाने में है. यादव समाज के लोग पार्टी में बड़ी संख्या में आ रहे हैं. पैगाम ए खीर का संदेश भी समाज में अच्छा जा रहा है. रालोसपा सभी तबकों को लेकर चलने वाली पार्टी है. लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के दूसरे बड़े भगवन सिंह कुशवाहा नेता बीजीपी के साथ ही चलना चाहते हैं. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के बाद कहा कि यह खीर एनडीए के लिए बन रही है. पार्टी नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने को लेकर रालोसपा एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.

दरअसल, सीटों के बटवारे को लेकर तीन दिन पहले उपेन्द्र कुशवाहा बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव से मिले थे.लेकिन इस बैठक में क्या हुआ, अभीतक उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के बड़े नेताओं को भी पता नहीं है. इस बीच एकबार फिर से खीर को चूल्हे पर चढ़ाकर उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी के ऊपर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले  उपेंद्र कुशवाहा ने पटना के ही एक कार्यक्रम में पहली बार खीर बनाने की बात करके बिहार की सियासत में भूचाल लाने की कोशिश की थी. उस समय कुशवाहा ने कहा था कि यदुवंशियों के दूध और कुशवंशियों के चावल मिल जाए तो खीर बनते देर नहीं लगती. कुशवाहा के इस बयान के बाद बिहार में खीर पॉलिटिक्स शुरू हो गई थी. तेजस्वी यादव ने इस खीर पॉलिटिक्स को ये कहकर और तेज कर दिया था कि यह खीर बहुत ही स्वादिष्ट होगी.

कुछ दिनों तक इस खीर पॉलिटिक्स पर चुप्पी साधने के बाद एकबार फिर से रविवार से  खीर पॉलिटिक्स को लेकर सियासत तेज हो गई है.जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा कोई नया राजनीतिक समीकरण तलाश रहे हैं. लेकिन इतना तय है कि उनकी खीर पॉलिटिक्स की वजह से उनकी पार्टी भी टूटेगी. सूत्रों के अनुसार उनकी पार्टी का एक गुट बीजेपी के साथ तो दूसरा गुट महागठबंधन के साथ जाने के पक्ष में है. जाहिर है कुशवाहा खीर किसी के साथ बनाएं, उनकी पार्टी का दो फांक होना तय है.

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