अबतक बिहार में डेंगू से हो चुकी है 3 डॉक्टरों की मौत, लेकिन सरकार है बेपरवाह
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में डेंगू का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ रहा है.राजधानी पटना से लेकर पुरे राज्य को डेंगू ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. सूबे के कई जिलों में भी डेंगू अपना पांव पसार चूका है. अब सरकारी डॉक्टर भी डेंगू की चपेट में आने लगे हैं. डेंगू की चपेट में आकर पीएमसीएच के एक डॉक्टर और गोपालगंज में तैनात आइसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज) की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संगीता कुमारी (34) की मौत हो चुकी है.
जानकारी के अनुसार बिहार के पटना, सीवान, लखीसराय, सारण और औरंगाबाद जैसे कई जिलों में डेंगू का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. अब डेंगू का कहर समस्तीपुर भी पहुंच गया है. यहां के सरकारी डॉक्टर भी डेंगू के चपेट में आ गए हैं. सदर अस्पताल के डॉकटर उमाशंकर सिंह डेंगू से ग्रसित हो चुके है. जानकारी के अनुसार पीड़ित डॉकटर का इलाज पटना के अस्पताल में चल रहा है. जिले के अन्य जगहों से भी करीब 12 लोगो के भी डेंगू के चपेट में आने की खबर है.
एक ओर जहां बिहार में डेंगू तेजी से अपना पांव पसार रहा है. वहीं बिहार की सरकार डेंगू से होनेवाली मौतों की बात स्वीकार करने को तैयार नहीं . स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा है कि राज्य में पिछले साल की तुलना में डेंगू और चिकनगुनिया रोगियों की संख्या में कमी आई है. उन्होंने कहा की इन रोगों के कारण राज्य में इस साल अभी तक एक भी मौत नहीं हुई है. इस तरह की बीमारियों की रोकथाम करनेवाले अधिकारी भी सच्चाई पर पर्दा डालने में जुटे हैं. डॉ एम पी शर्मा का कहना कि राज्य में डेंगू और चिकनगुनिया रोग के कारण अब तक एक भी मौत नहीं हुई है.
अभीतक प्रदेश में तीन लोगो की मौत डेंगू के कारण हो चुकी है.जिसमें दो डॉक्टर भी शामिल है. पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में एनेस्थेटिस्ट डॉ. विजय कुमार की डेंगू से मौत हो गई. राजधानी के पारस अस्पताल में भर्ती छपरा के वरिष्ठ डॉक्टर वासुदेव प्रसाद की भी डेंगू से मौत हो गई.वहीं डेंगू की चपेट में आई आइसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज) की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संगीता कुमारी (34) की रविवार को सुबह पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.तीन तीन डॉक्टर डेंगू से मर चुके हैं लेकिन सरकार इसकी रोकथाम करने की बजाय सच छिपाने में जुटी है.
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