मुस्लिम समाज को नीतीश संदेशा : साथ चाहे कोई रहे, नहीं करेगें सांप्रदायिकता से समझौता
नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में कहा, “हम सेवा करने वाले आदमी है. दूसरी चीज में कोई रुचि नहीं है. हमको वोट की चिंता नहीं है. दूसरी बात है हमारा तौर तरीका काम पर आधारित है. कास्ट पर आधारित नहीं है.”
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एकबार फिर ये सन्देश अल्पसंख्यक समाज को देने की कोशिश शुरू कर दी है कि बीजेपी के साथ रहने के वावजूद वो अपने सेक्यूलर क्रेडेंशियल को लेकर सचेत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वो किसी के साथ चलायें लेकिन कभी साम्प्रदायिकता , भर्ष्टाचार और अपराध से समझौता नहीं करेगें. उन्होंने अल्पसंख्यकों को राजनीतिक संदेश देते हुए कहा है कि सूबे को चलाने की जिम्मेदारी उनकी है और वो सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं करेंगे.
नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में कहा, “हम सेवा करने वाले आदमी है. दूसरी चीज में कोई रुचि नहीं है. हमको वोट की चिंता नहीं है. दूसरी बात है हमारा तौर तरीका काम पर आधारित है. कास्ट पर आधारित नहीं है.”नीतीश कुमार ने याद दिलाया कि वो 2005 के नवंबर से बिहार में सरकार के मुखिया हैं और इस दौरान उन्होंने किसी तरह का समझौता नहीं किया.मदरसों और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए हुए कार्यों का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा, 2005 के नवंबर से हमारे नेतृत्व में सरकार चल रही है. चाहे हमारे साथ कोई रहे , न काम में कभी कोई समझौता किया है, न भ्रष्टाचार से और न ही सांप्रदायिकता से.”
दरअसल,सीएम का इशारा भारतीय जनता पार्टी की तरफ था जिसके साथ उन्होंने 2005 से 13 तक सरकार चलाई. 2015 में लालू यादव का दामन थामा लेकिन दो साल बाद ही फिर एनडीए में शामिल हो गए.आने वाले चुनाव का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वो आगे भी अपना काम करते रहेंगे. उनका कहना था, “एक नागरिक के नाते आप सबका अपना अधिकार है, पर हमारा कमिटमेंट काम के प्रति है. ये सबके लिए करते हैं. मत भूलिएगा. जहां पॉलिटिकल देना हो दीजएगा, उसकी चिंता मत कीजिएगा. लेकिन कमान आज मेरे हाथ में है. बिहार को चलाने की जवाबदेही मेरी है.”
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