त्वरित न्याय के लिए न्यायिक सेवा के अधिकारी तत्परता से काम करें : राज्यपाल
सिटी पोस्ट लाइव : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि व्यक्ति दो जगह अत्यन्त ही परेषानी व दुःख में जाते हैं, पहला- अस्पताल और दूसरा न्यायालय। इंसान न्यायालय की षरण में न्याय की आष में अपनी क्षमता से अधिक धन, यहाँ तक कर्ज लेकर भी जाते हैं। गरीबों को न्याय का रास्ता नहीं पता रहता है। इसलिए लोगों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए न्यायिक सेवा के अधिकारीगण तत्परता से कार्य करें। राज्यपाल आज राज भवन में उड़ीसा के प्रषिक्षु न्यायिक अधिकारियों को
संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व में लोग षिक्षक, चिकित्सक अथवा अधिवक्ता बनना चाहते थे। कारण कि षिक्षक का कार्य समाज को षिक्षित करना है, सच्चा षिक्षक लोगों को ज्ञानी बनाने हेतु प्रयासरत रहते हैं, वे रोलमॉडल माने जाते थे। वहीं चिकित्सक का कार्य लोगों की जान की रक्षा करना है और अधिवक्ता, जिन्हें पूर्व में बैरिस्टर कहा जाता था, वे न्याय दिलाने हेतु प्रयासरत रहते थे। हमारे स्वाधीनता
संग्राम की लड़ाई में भी बैरिस्टरों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सभी नव चयनित न्यायिक पदाधिकारी उड़ीसा की सामाजिक-आर्थिक से अच्छी तरह से अवगत होंगे। लोगों को किस प्रकार त्वरित न्याय मिले और किसी बेगुनाह को सजा न हो, इस दिषा में चिन्तन करते हुए सदा कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी सदैव सही व उचित निर्णय देने हेतु सतर्क एवं प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने प्रषिक्षु न्यायिक अधिकारियों में लगभग 50 फीसदी
लड़कियों, महिलाओं की होने पर प्रसन्नता प्रकट की। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डा0 नितिन कुलकर्णी ने प्रषिक्षु न्यायिक पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी न्यायिक पदाधिकारी अपने जीवन में पूर्ण विवेक का प्रयोग करते हुए बेहतर-से-बेहतर निर्णय लें। लोगां को आपसे बहुत ही अपेक्षायें हैं। स्वागत भाषण विषेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) राजीव कुमार सिन्हा ने किया। इस अवसर पर उड़ीसा न्यायिक अकादमी के निदेषक सहित अकादमी के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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