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गीता कोड़ा ने राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की

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गीता कोड़ा ने राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की

सिटी पोस्ट लाइव : राज्य में रघुवर सरकार के गठन के बाद से ही भाजपा और एनडीए को लगातार समर्थन दे रही विधायक गीता कोड़ा गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। वह झारखंड के चर्चित पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी और जगन्नाथपुर की विधायक हैं। गीता कोड़ा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वह राहुल गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंचीं थीं। वह पिछले कुछ माह से लगातार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के संपर्क में थीं। राहुल गांधी के आवास पर गीता कोड़ा के साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, सह प्रभारी उमंग सिंगार, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम भी मौजूद थे।

लोस चुनाव लड़ सकती हैं गीता : गीता कोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने को कोल्हान क्षेत्र में भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। संभव है कि कांग्रेस उन्हें लोकसभा चुनाव में भी आजमाए। ऐसी स्थिति में वह चाईबासा से लड़ सकती हैं। महागठबंधन से भाजपा को एक इंच भी नुकसान नहीं : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि उनकी पार्टी यह मान कर तैयारी कर रही है कि विपक्ष महागठबंधन कर लेगा। सभी विपक्षी दलों का मिशन 2019 का एक मात्र लक्ष्य है मोदी और भाजपा को हराना। लेकिन इस महागठबंधन से भाजपा को एक इंच भी फर्क नहीं पड़ने वाला। हमारा लक्ष्य 14 लोकसभा सीटों को जीतना है और हम इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। लक्ष्मण गिलुवा गुरुवार को रांची में भाजपा की लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में लोकसभा वार पार्टी द्वारा की जा रही समीक्षा बैठक के बीच में मीडिया से बात कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी थे। गिलुवा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 11 जुलाई को झारखंड आए थे। उन्होंने भाजपा को 23 सूत्री काम दिया था। उस पर काम जारी है। पूरे राज्य में 29500 बूथ हैं। भाजपा ने 26000 बूथ कमेटियों का गठन कर लिया है। 30 अक्टूबर तक सभी बूथ कमेटियों का गठन कर लिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष यह भ्रम फैलाने में लगा है कि अगर भाजपा सत्ता में आई, तो भूमि अधिग्रहण कानून द्वारा लोगों की की जमीन छीन लेगी। विपक्ष को यह बताना चाहिए कि चार साल में भाजपा सरकार ने आदिवासियों की कहां कितनी जमीन छीनी है।

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