सीएम नीतीश कु. पर चप्पल फेंकने का मामला, संदेह के घेरे में सवर्ण सेना और बीजेपी नेता
सिटी पोस्ट लाइव : गुरुवार को पटना के बाबू सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरी सभा में एक युवक द्वारा चप्पल फेंके जाने का मामला उलझता जा रहा है. इस मामले में तीन लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है. एक तो औरंगाबाद के जेडीयू जिला अध्यक्ष आनंद बैभव और दूसरे सवर्ण सेना के भागवत शर्मा और तीसरे बीजेपी नेता सच्चिदानंद राय. दरअसल,औरंगाबाद जिला अध्यक्ष संदेह के घेरे में इसलिए आये हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पर चप्पल फेंकने वाला चंदन सिंह उन्हीं के साथ पटना कार्यक्रम में शामिल होने आया था. हालांकि वैभव ने कहा कि वह साथ आया था जरुर लेकिन ऐसा वो करेगा इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी.
सवर्ण सेना के भागवत शर्मा और बीजेपी के विधान पार्षद सच्चिदानंद राय इसलिए संदेह के घेरे में हैं क्योंकि दोनों के बीच गहरा संबंध है. इस मामले में सवर्ण सेना के नाम आने से पुलिस के निशाने पर संगठन के नेता आ गये हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार सवर्ण सेना के भागवत शर्मा और आशुतोष पर पुलिस नजर रखनी शुरू कर दी है. संगठन के पीछे कौन-कौन लोग हैं, कहां से फंडिंग हो रही है, आगे की क्या रणनीति है, पुलिस इसे भी खंगालेगी.मिल रही जानकारी के अनुसार इस मामले में बीजेपी नेता सच्चिदानंद राय भी पुलिस के निशाने पर हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने चप्पल मामले की निंदा तो की है, लेकिन यह भी कहा कि मुझे पता था कि ऐसी घटना होगी. इसके बाद से पुलिस उन पर भी नजर रखनी शरू कर दिया है. गौरतलब कि पिछले दिनों जब सवर्ण सेना पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था तो सच्चिदानंद राय ने नीतीश सरकार को बर्बर और जुल्मी तक कह दिया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर चप्पल फेंकनेवाले आरोपी को जब पकड़ा गया, तो कहा जा रहा था कि उसका नाम चंदन तिवारी है. वह छात्र जदयू अध्यक्ष आनंद वैभव का रिश्तेदार है. बाद में पता चला कि चंदन का पूरा नाम चंदन सिंह है. वह औंरगाबाद के खैरी गांव का रहनेवाला है.पड़ताल में यह बात भी सामने आयी कि पटना में आयोजित विराट छात्र संगम कार्यक्रम में शामिल होने के लिए औरंगाबाद से 400 युवकों का जत्था आया था. उसी 400 के जत्थे में चंदन सिंह भी शामिल था. चंदन गुरुवार को पटना पहुंचकर मिलर स्कूल में फ्रेश हुआ. नास्ता भी किया. साथ ही बापू सभागार में जाने के दौरान नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे में लगा रहे थे. लेकिन बापू सभागार में कब उनकी मंशा बदल गयी और उसने मुख्यमंत्री की ओर चप्पल फेंकी, इसके बारे में पुलिस भी लगातार पूछताछ कर रही है.
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