जन्म-मृत्यु से संबंधित सूचना रजिस्ट्रार कार्यालय को देने का निर्देश
सिटी पोस्ट लाइव : उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा सभी निजी चिकित्सा संस्थानों एवं नर्सिंग होम को आदेश दिया गया है कि वे अपने परिसीमन में घटित समस्त जन्म, मृत्यु और मृत-जन्म की घटनाओं की सूचना संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के कार्यालय को और एक प्रति जिला सांख्यिकी कार्यालय, देवघर को ससमय भेजना सुनिश्चित करें। साथ हीं ऐसा कोई प्रमाण-पत्र जनता को जारी न करें जिस पर ‘‘जन्म या मृत्यु प्रमाण-पत्र’’ अंकित हो क्योंकि इससे जन-मानस में दुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है। ज्ञातव्य है कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 की धारा 8(1) (ख) में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि जन्म-मृत्यु की ऐसी घटनाएँ, जो किसी निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम में हुई हो, उनके संबंध में वांछित सूचनाएँ संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को घटनाओं के पंजीयन हेतु उपलब्ध कराने का दायित्व उस चिकित्सा संस्थान के प्रभारी का होता है। इस संबंध में प्रायः ऐसा देखा जाता है कि कतिपय चिकित्सा संस्थानों को छोड़कर देवघर शहर के अधिकांश निजी चिकित्सा संस्थान उनके यहाँ घटित होने वाली जन्म-मृत्यु की घटनाओं की जरूरी सूचनाएँ ससमय संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को नहीं भेजते हैं एवं इन सूचनाओं के अभाव में रजिस्ट्रार को घटना की सत्यता को जानने एवं पंजीकरण करने में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम द्वारा ससमय उपलब्ध कराए गए सूचनाओं के आधार पर संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) घटना के पंजीकरण के पश्चात् आवेदकों को जन्म प्रमाण-पत्र अथवा मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्धारित प्रपत्र संख्या क्रमशः 5 व 6 में जारी करते है। इसके अलावा यह भी देखने को मिलता है कि अस्पताल छोड़ते वक्त निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा संबंधित परिवार को एक अनौपचारिक प्रमाण-पत्र, बजाप्ता मूल प्रमाण-पत्र की शक्ल में दे दिया जाता है, जो कानूनी रूप से वैध नहीं होता है, परन्तु संबंधित परिवार उसे हीं वैध प्रमाण-पत्र मान लेता है और निश्चिंत हो जाता है तथा रजिस्ट्रार द्वारा जारी होने वाले वैध प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए ससमय रजिस्ट्रीकरण कार्यालय में आवेदन करने से चूक जाता है। वहीं जब यह मामला अनायास हीं विलंबित निबंधन की श्रेणी में चला जाता है, तब परिवार को वैध प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
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इसलिए इन सब परिस्थितियों के मद्देऩजर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा उक्त आदेश जारी करते हुए सभी निजी चिकित्सा संस्थानों-नर्सिंगहोम से कहा गया है कि वे अपने परिसीमन में घटित समस्त जन्म, मृत्यु और मृत-जन्म की घटनाओं की सूचना संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के कार्यालय को दें, ताकि ‘‘जन्म या मृत्यु प्रमाण-पत्र’’ निर्गमन में सुविधा हो। साथ हीं उपयुक्त जन्म-मृत्यु की घटना के संबंध में एक ऐसी सूचना स्लिप जारी किया जाय, जिसमें रजिस्ट्रार के निबंधन के लिए काम आने वाली आवश्यक सूचनाएँ उपलब्ध हो। इसके अलावा सभी निजी चिकित्सा संस्थानों एवं नर्सिंग होम के द्वारा संबंधित परिवार को वैध जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित स्थानीय रजिस्ट्रार से यथाशीघ्र्र संपर्क करने के लिए कहा जाय एवं अपने संस्थान के सूचना पट पर यह निर्देश जारी किया जाय कि इस संस्थान ढसंस्थान का नामझ में घटित समस्त जन्म व मृत्यु की घटनाओं की सूचना संबंधित स्थानीय रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) कार्यालय ढपंजीकरण कार्यालय का नामझ को भेज दी गई है एवं आप सभी लोगों से अनुरोध है कि रजिस्ट्रार कार्यालय से जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त करें। इसके अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा निदेशित किया गया है कि सभी निजी चिकित्सा संस्थानों एवं नर्सिंग होम के द्वारा अपने संस्थान के सूचना-पट पर सूचनाओं को सतत् अद्यतन किया जाय।
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