आधा दर्जन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद भी, नहीं सुलझ रही मैनेजर हत्याकांड की गुत्थी
सिटी पोस्ट लाइव : बैंक मैनेजर हत्याकांड के नौ दिन बीतने और तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद भी अपहृत बैंक प्रबंधक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को सफलता नहीं मिली है. इस कांड के साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड कौन है? यह कांड किस कारण से किया या कराया गया है? हत्या सुपारी देकर किसी ने कराई है या अपहरणकर्ताओं ने स्वयं हत्या की है? यदि खुद की है तो इन सबों को मैनेजर या उनके परिवार से किस बात की खुन्नस थी? ऐसे कई सवाल हवा में तैर रहे हैं. तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी अपहरण और हत्या के कारणों का खुलासा नहीं होना आश्चर्य से कम नहीं लगता है. मृतक बैंक प्रबंधक जयवर्द्धन कुमार ( 38 वर्ष ) नालंदा थाना क्षेत्र के दामनखंधा गांव निवासी जयदेव प्रसाद के एकलौते पुत्र थे.
मालूम हो कि शेखपुरा जिला अंतर्गत मध्य बिहार ग्रामीण बैंक कसार के शाखा प्रबंधक जयवर्द्धन कुमार का अपहरण 27 सितंबर की शाम उस समय किया गया था, जब वे बैंक की ड्यूटी समाप्त कर अपने घर नालंदा थाना क्षेत्र के दामनखंधा गांव लौट रहे थे. अपहरण राजगीर थाना क्षेत्र के बेलौर मोड़ के पास घात लगाए अपराधियों ने किया था. इस बैंक मैनेजर अपहरण और हत्या कांड के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार भी कर लिया है. उन्होंने पुलिस के समक्ष यह भी खुलासा किया है कि अपहरण की रात ही बैंक मैनेजर जयवर्द्धन की गोली मारकर उन लोगों ने हत्या कर थी. गिरफ्तार आरोपियों के अनुसार इस अपहरण- हत्याकांड में कुल सात जन शामिल हैं. शेष चार फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है. ऐसा पुलिस का दावा है.
यह अपहरण और हत्याकांड किसी साजिश की तहत की गई है या कोई अन्य कारण से इसका खुलासा अभी तक किसी भी स्तर से नहीं हो सका है. मृतक बैंक मैनेजर के पिता जयदेव प्रसाद के अनुसार उनका किसी से कोई विवाद या दुश्मनी नहीं है. वे किसी के ऊपर झूठे लांछन भी लगाना उचित नहीं मानते हैं. इसके बावजूद उनके इकलौते बेटे की अपहरण कर हत्या कर दी गई है. यह उनके समझ से परे है. जानकारी अनुसार यह घटना पूरी तरह नियोजित है. यही कारण है कि इसके खुलासे में अनावश्यक विलंब हो रहा है. जानकार बताते हैं कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन को पुलिस ईमानदारी से खंगाले. कम से कम रक्षा बंधन से अबतक उसका कॉल डीटेल्स निकाले तो इस अपहरण हत्याकांड से न केवल पर्दा उठ सकेगा, बल्कि इसके साजिशकर्ता से लेकर मास्टरमाइंड और कांड में संलिप्त तमाम लोग बेनकाब हो सकते हैं.
वहीं युवा बैंक मैनेजर जयवर्द्धन कुमार के अपहरण बाद हत्या करने के मामले को लेकर कुशवाहा समाज में भारी आक्रोश है. उनका आक्रोश आग का गोला बन कर कब फूट पड़ेगा. यह कहना मुश्किल से कम नहीं प्रतीत होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना की सूचना पाकर गुरुवार की सुबह इलाके के हजारों कुशवाहा दामनखंधा पहुंच गए. उनका आक्रोश उनके चेहरे और वाणी से स्पष्ट झलक रहे थे. लग रहा था कि उन्हें यदि अपराधियों की सही जानकारी मिल जाए तो उसके घर पर चढ़कर तबाही मचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. कुछ लोगों ने लाश के साथ सड़क जाम करने का विचार व्यक्त भी किया. लेकिन मृतक के पिता ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बताया जाता है कि पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका द्वारा बैंक प्रबंधक के अपहरण और हत्या की पुष्टि करने के बाद कुशवाहा समाज में शोक के साथ गहरा आक्रोश छा गया है.
बुधवार को भी नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के कारगिल चौक को रालोसपा और मौर्य सेना के नौजवानों ने जाम कर जमकर बवाल काटा. इस सड़क जाम के कारण नेशनल हाई वे 20 और 82 पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया. राजगीर, गया, नवादा, हजारीबाग, धनबाद, रांची, जमशेदपुर, गिरिडिह, कोलकाता जाने-आने वाली यात्री वाहनों, पर्यटक वाहनों समेत सभी प्रकार के गाड़ियों का आना जाना पूरी तरह घंटों ठप हो गया था. बाद में पुलिस और प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद जाम को हटाया गया और यातायात व्यवस्था को सुचारु किया जा सका था. इस घटना के दूसरे दिन अपहृत बैंक मैनेजर जयवर्द्धन कुमार की लाश जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो फिर कुशवाहा समाज के लोग बेकाबू हो गए।
गुरुवार की सुबह दर्जनों गांव के हजारों पुरुष- महिला, बाल – वृद्ध मिलकर राजगीर – बिहारशरीफ मुख्य पथ को नालंदा मोड़ पर धरना – प्रदर्शन व आगजनी कर यातायात को अवरुद्ध कर दिया. आक्रोशित ग्रामीणों ने राजगीर बख्तियारपुर रेल खंड के नालंदा रेलवे स्टेशन के पास राजगीर – हावड़ा फास्ट पैसेंजर रेलगाड़ी के परिचालन को भी बाधित किया और ट्रैक पर आगजनी की. राजगीर एसडीओ संजय कुमार और डीएसपी सोमनाथ प्रसाद के कड़ी मशक्कत और आंदोलनकारियों की मांगों के अनुरूप आश्वासन देने के बाद ही राष्ट्रीय उच्च पथ 82 पर यातायात सुचारू हो सका. लगातार तीसरे दिन भी आक्रोश थमने के बजाय भड़कता जा रहा है. इस घटना के विरोध में शुक्रवार को नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ की अधिकांश दुकाने बंद रही.
नालंदा से प्रणय राज की रिपोर्ट
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