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महामहिम ने किया समाजसेवी के रूप में सम्मानित, निकला वो अवैध लॉटरी का कारोबारी

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महामहिम ने किया समाजसेवी के रूप में सम्मानित, निकला वो अवैध लॉटरी का कारोबारी

सिटी पोस्ट लाइव : रोहतास पुलिस के वरीय अधिकारियों को लगातार अवैध लॉटरी के विरुद्ध रिपोर्ट मिल रही थी. जिसके उपरांत रोहतास पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह के निर्देश पर अवैध लॉटरी कारोबारी पर पुलिस ने बडी छापेमारी की. जिससे भारी मात्रा में अवैध लॉटरी, गांजा, चिलम, तास नगद रुपये के साथ ही शराब भी बरामद किया गया. शुक्रवार को गुप्त तरीके से अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डेहरी अनवर जावेद के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर ये बड़ी कारवाई की गई. जिससे इस अवैध लॉटरी के कारोबारियों में हड़कंप मच गया. लेकिन हरबार की तरह इसबार भी कोई पुलिस के पकड़ में नही आया. जैसा कि पहले भी कई बार अवैध लॉटरी के कारोबारी पर पुलिस ने छापेमारी की लेकिन हर बार लॉटरी और पैसा तो बरामद किया गया लेकिन इससे जुड़े कारोबारी आज तक पुलिस के पकड़ में नहीं आ सके हैं. जो पुलिस के लिये लगातार चुनौती बना हुआ है.

 सूत्रों की माने तो इस अवैध कारोबार के धंधे में जुड़े माफिया हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल रहे है. इस कारोबार का कनेक्शन दूसरे राज्यों से भी जुड़ा हुआ है. शहरी क्षेत्र में तो इनके एजेंट चलते फिरते अपना कारोबार करते रहते हैं. यानी इस खेल के पिछे जो असली किंगपिन है, उसका संबंध कई सफेदपोश और अधिकारियों से भी माना जाता है, जो अपने पहुँच और रसूख़ के दम पर हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल रहा है. इससे जुड़े एक डेहरी के कारोबारी ने अभी कुछ महीने पहले अपनी शादी की 25 वीं वर्षगाँठ मनाई थी. जिसमें लगभग एक करोड़ रुपये पानी की तरह बहा दिये गये थे और उसके सामारोह में कई बडी हस्तियाँ, सफेदपोश, अधिकारियों की उपस्थिति हुई थी. इससे पता चलता है कि उसकी जड़े कितनी मजबूत और गहरी हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि शहर के बीचोबीच, थाने से महज कुछ ही दूरी पर अवैध लॉटरी का धंधा चलते रहता है लेकिन असली पर्दे के पिछे का खिलाड़ी क्यों नही पकड़ में आ रहा है? यहाँ तक की इस अवैध काम से जुड़े कारोबारी ने मिडिया में भी अपनी रसूख़ का इस्तेमाल कर प्रभावित करने का काम किया है.अब देखना है कि शहर से अवैध लॉटरी का धंधा क्या वाकई बंद करा पाने में पुलिस सफल होगी. क्योंकि लॉटरी के इस अवैध धंधे में संलिप्त माफियाओं पर अब तक नकेल डालने में पुलिस विफल रही है. सूत्रों की माने तो पुलिस, प्रेस और राजनीति के क्षेत्र से जुड़े रसूखदार लोगों से अपनी पहुंच का बखूबी इस्तेमाल कर करोड़ो की अवैध कमाई की जा रहा है. जिसका कुछ हिस्सा उन तमाम सहयोगियों पर खर्च किया जाता है, जो इस अवैध धंधे में पर्दे के पीछे से किसी न किसी तरह सहयोग करते रहते है. अभी तक इनकम टैक्स या अन्य जांच एजेंसी ने क्यों करवाई नही की ये भी एक प्रश्न है?

यही नहीं करोड़ों की अपूत सम्पति अर्जित कहाँ से की गयी ये भी एक जांच का विषय है. हालांकि ये माफिया बड़े होशियार किस्म के होते हैं. इन्हें पहले ही पता होता है कि अगर इनकम टैक्स विभाग या अन्य जांच एजेंसी जाँच करती है तो उससे बचने के लिये क्या करना है. इसलिए ये माफिया अपनी अवैध सम्पति बड़ी होशियारी से अपने रिश्तेदार या सहयोगियों के नाम पर खड़ा करते हैं ताकि किसी भी जाँच एजेंसी के पकड़ में न आ सके और उन्हें आसानी से चकमा दिया जा सके.  वहीं आम-जनों की भावनाओं में अपनी धार्मिक छवि बना कर लोगों के भावनाओं का भी समर्थन हासिल कर अपने को इस कवच से सुरक्षित रखने का भी हथकंडा अपना रखा है, ताकि लोग धार्मिक भावनाओं में बहकर एवम निष्वार्थ समाजसेवी समझकर इसपर किसी प्रकार का सन्देह न करे और अपनी छवि समाज मे बनी रहे.ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व महामहिम राज्यपाल द्वारा समाजसेवी के तौर पर कई लोगों को सम्मानित किया गया. लेकिन किसी को पता नहीं था कि जिसे महामहिम द्वारा समाजसेवी के रूप में नवाजा गया, उसपर पुलिस अवैध लॉटरी के काले कारोबार में संलिप्त पाए जाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी का प्रयास करेगी. शायद ही किसी को पता हो कि जिसे समाजसेवी दर्जा दिया गया उसके काले कारनामों के चलते गरीबों के घर परिवार औऱ बच्चों के भविष्य को अंधरे में धकेलने का काम कर रहे हैं. यानी अवैध लॉटरी कारोबारी ने हर तरह से अपने को सुरक्षित रखने के लिये लोगों की धार्मिक आस्था को भी भंजाने का काम करता नजर आ रहा है. अब देखना है कि पुलिस प्राथमिकी में नाम दर्ज करने के बाद उसकी गिरफ्तारी कब तक करती है या पुनः पहले की तरह ही अपने रसूख़ और संबध के दम पर बचने में एकबार फिर कामयाब होता है या नहीं ये आने वाला वक्त ही बतायेगा.

रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट

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