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दोनों बेटे तेज-तेजस्वी के झगड़े से परेशान लालू, आज रांची में करायेगें समझौता

बेटों की लड़ाई से लालू यादव की बढ़ीं मुश्किलें, तेजस्‍वी से आज करेंगे रांची रिम्स में बातचीत

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दोनों बेटे तेज-तेजस्वी के झगड़े से परेशान लालू, आज रांची में करायेगें समझौता

सिटी पोस्ट लाइव : चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू यादव बहुत चिंतित हैं. एक तो उनकी सेहत खराब है दूसरी तरफ उनके दोनों बेटे आपस में झगड़ रहे हैं. रांची इंस्टीट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज में लालू यादव का ईलाज चल रहा है. राष्ट्रीय जनता दल  के सुप्रीमो लालू अपने छोटे बेटे और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव से शनिवार को रांची में मुलाक़ात की.लालू यादव इस मुलाक़ात के दौरान अपने दोनों बेटों तेजस्वी यादव और बड़े भाई तेज प्रताप यादव के बीच के विवादों का निबटारा करने की कोशिश करेगें.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक लालू यादव ने बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को भी मिलने के लिए बुलाया है. लालू की कोशिश है कि अगले साल लोकसभा चुनाव और उसके अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी मजबूत रहे. उन्हें मालूम है कि बेटों के बीच की खाई आरजेडी में बिखराव पैदा कर सकती है.गौरतलब है कि पार्टी में अहमियत को लेकर तेजप्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. लालू यादव ने एक जानेमाने ज्योतिष को भी इसी सप्ताह हाजीपुर से बुलवाया था. ज्योतिषी ने लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव को काफी समझाया बुझाया था. लेकिन उसके वावजूद भी विवाद का निबटारा जब नहीं हुआ तो लालू यादव ने दोनों भाइयों को रांची बुलवाया है.

सूत्रों के अनुसार लालू यादव पारिवारिक मसलों पर बात तो करेगें ही साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर भी लालू अपने बेटों को सलाह देंगे. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता डायरेक्ट लालू के टच में हैं और लगातार रांची का चक्कर लगाते रहे हैं. लेकिन जैसे-जैसे तेजस्वी ने सांगठनिक फैसले लेने शुरू किए, तेज प्रताप की नाराजगी कई मौकों पर सामने आती गई. अब तो तेजस्वी के हर फैसले में तेजप्रताप टांग अड़ा देते हैं. पहलीबार तेजप्रताप ने अपने चहेते नेता राजेंद्र पासवान को पार्टी में महत्वपूर्ण ओहदा दिलाने की मांग को लेकर हंगामा किया था. फिर उन्होंने ये ट्वीट कर “हम अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी सौंप कर खुद द्वारका जाना चाहते हैं,” बवाल मचा दिया था.

फिर तेजस्वी यादव ने पांच जुलाई को पार्टी की स्थापना दिवस पर  कई वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक तौर पर झिड़की दे दी थी.उन्होंने यहाँ तक कह दिया था  कि  जब तेजस्वी दिल्ली जाएगा तो यहां बागडोर वहीँ संभालेंगे. पिछले महीने राबड़ी देवी के आवास पर हुई पार्टी की बैठक में तेज प्रताप नहीं पहुंचे.इतना ही नहीं बल्कि जहां बैठक थी, वहीं गाड़ी पार्क कर गायब हो गए.

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