दिल्ली की तरह पटना के मेट्रो रेल में भी बनेगा कहीं अंडर ग्राउंड तो कहीं एलीवेटेड स्टेशन
सिटी पोस्ट लाइव : मंगलवार 25 सितंबर को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर मुहर लगने के बाद इस क्षेत्र में अब तेजी से काम चल रहा है. बता दें कि पहले चरण में सरकार की योजना नार्थ-साउथ कॉरिडोर पर मेट्रो चलाने की है. इस कॉरिडोर को बनाने के लिए इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला कॉरिडोर पटना जंक्शन से बैरिया में प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस अड्डा तक होगा. दूसरा कॉरिडोर मीठापुर बाइपास से दीदारगंज और तीसरा कॉरिडोर मीठापुर बाइपास से एम्स तक होगा.
इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 14.02 किलोमीटर होगी. इसमें से 9.625 किलोमीटर एलिवेटेड होंगे, जिसपर नौ स्टेशन बनाएं जाने प्रस्तावित है. जबकि भूमिगत कॉरिडोर की लंबाई 4.575 किलोमीटर होगी. इस कॉरिडोर पर तीन स्टेशन होंगे. दो स्टेशनों के बीच की औसत दूरी करीब एक किलोमीटर निर्धारित की गई है. पटना मेट्रो में दो कॉरिडोर बनाएं जाएंगे। ये दोनों कॉरिडोर पटना जंक्शन पर मिलेंगे. यहीं पर दोनों कॉरिडोर के लिए अलग-अलग स्टेशन बनाने का भी प्रस्ताव है. दानापुर-मीठापुर कॉरिडोर के लिए पटना जंक्शन पर अंडरग्राउंड स्टेशन, जबकि पटना जंक्शन-न्यू आईएसबीटी कॉरिडोर के लिए एलीवेटेड जंक्शन होगा. जो लोग दानापुर से गांधी मैदान जाएंगे उन्हे पटना जंक्शन पर मेट्रो बदलना होगा. राज्य सरकार ने मेट्रो को जमीन पर उतारने की योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.
नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने पटना मेट्रो के कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) का प्रेजेंटेशन देखने के बाद बताया कि पहले चरण में नार्थ-साउथ कॉरिडोर पर काम शुरू किया जाएगा. यह कॉरिडोर पटना जंक्शन से वाया गांधी मैदान, पीएमसीएच, राजेंद्रनगर होते हुए बैरिया तक जाएगा. उन्होंने कहा कि कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान वर्ष 2030 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसके लिए सर्वे में पटना के अलावा खगौल, दानापुर और फुलवारी नगर परिषद को शामिल किया गया था. सरकार की योजना पटना के लोगों को बेहतर और सुविधाजनक प्रदूषणरहित यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने की है.
यह भी पढ़ें – राजद विधायक अबू दोज़ना की बढ़ी मुश्किलें,आयकर विभाग ने पकड़ी करोड़ो की स्टाम्प ड्यूटी चोरी
Comments are closed.