तीन दिन बाद PMCH में ख़त्म हो गई हड़ताल, जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौटे
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना स्थित पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार से शुरू जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन खत्म हो गई.पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष शंकर भारती ने बताया कि जूनियर डॉक्टर्स और अस्पताल प्रबंधन से बातचीत के बाद हड़ताल टूटी. गुरुवार सुबह 7 बजे से जूनियर डॉक्टर काम पर लौट गए हैं. पीएमसीएच में सोमवार सुबह मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट कर दी थी, जिससे नाराज जूनियर डॉक्टरों ने कामकाज ठप कर दिए और हड़ताल पर चले गए. हड़ताल से अब तक 23 मरीजों की मौत हो गई. राज्य के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडेय ने भी डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी.
स्वास्थ मंत्री ने सुपौल में भाजयुमो के युवा सम्मेलन में भाग लेने के दौरान कहा कि हमने कई बार डॉक्टरों की कठिनाईयों का ख्याल रखा है. इस बार भी उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा.बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की वार्ता विफल होने के बाद अस्पताल में हाहाकार मचा हुआ था . राजधानी के पीएमसीएच अस्पताल में आज तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रही. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से अब तक 17 मरीजों की मौत हो चुकी है.हड़ताल खत्म करने को लेकर पीएमसीएच प्राचार्य और अधीक्षक के साथ ये वार्ता रखी गई थी. लेकिन इस बैठक के दौरान डॉक्टरों को संतोषजनक आश्वासन नहीं मिल सका. इस वजह से वार्ता विफल हो गई. आगे भी हड़ताल जारी है.मरीज बेहाल हैं और रामभरोसे हैं.जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा है कि इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा, जब तक डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. बताया जाता है कि अभी ओपीडी और इमरजेंसी को बंद कर दिया गया है. एक भी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है.
लेकिन आखिरकार बुधवार को जूनियर डॉक्टर्स और अस्पताल प्रबंधन से बातचीत के बाद हड़ताल ख़त्म हो गई.गुरुवार से जूनियर डाक्टर काम पर आने के लिए तैयार हो गए हैं. तीन दिनों में 17 मरीजों की मौत से खौफ खाए मरीजों ने राहत की सांस ली है .वो बेसब्री से गुरुवार का इंतज़ार बुधावर की शाम से कर रहे थे. गुरुवार को सुबह से ही जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौट आये हैं. पिछले तीन दिनों से जिन मरीजों की जान सांसत में पड़ी थी, उन्होंने आज से राहत की सांस लेनी शुरू कर दी है.गौरतलब है कि इस हड़ताल की वजह से परेशान सैकड़ों मरीज भाग चुके हैं. जो निजी अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सकते ,राम भरोसे यहाँ अपने मरने का इंतज़ार कर रहे थे.लेकिन अब हड़ताल ख़त्म होने के बाद जूनियर डॉक्टर के काम पर लौट जाने से उन्होंने राहत की सांस ली है.
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